हे भगवान! ऐसे भी हो सकती है बारिश

टोटकेपूरा देश सूखे की मार से जूझ रहा है| भारतीय समाज में आज भी ऐसे कई टोटके हैं जिन्हें बारिश नहीं होने के दौरान अपनाया जाता है| लोगों का कहना है कि इन टोटकों की मदद से बारिश होती भी है| आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ टोटकों के बारे में..

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1- उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई गांवों में मान्यता है कि अगर महिलाएं रात के समय नग्न होकर खेतों में हल चलाएं तो बारिश होती है| इस टोटके में महिलाएं समूह बनाकर खेत को घेर लेती हैं जिससे कोई यह सब देख नहीं पाए।

2- बारिश को बुलाने के लिए “बेड़” नाम का एक टोटका भी आजमाया जाता है। विदिशा के एक पठारी कस्बे की मान्यता के मुताबिक          गाजे-बाजे के साथ ग्रामीण महिलाएं किसी खेत पर अचानक हमला बोल देती हैं। वो खेत पर काम कर रहे किसान को बंधक बना लेती हैं। किसान को गांव में ला कर दुल्हन की तरह सजाया जाता है और किसान की पैसे देकर विदाई की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से इंद्र देव प्रसन्न होते है।

टोटके जिनसे होती है बारिश

3- मध्यप्रदेश के इंदौर में अच्छी बारिश के लिए अजीबोगरीब बारात निकाली जाती है। किसान और व्यापारी मिलकर ये बारात निकालते है। इस बारात में दूल्हे को घोड़े की बजाय गधे पर बिठाया जाता है। बारात में शामिल लोग मस्त होकर डांस भी करते चलते हैं। माना जाता है कि इस टोटके से बारिश की अच्छी संभावना होती है।

4- भोपाल के मालवा अंचल में अच्छी बारिश के लिए जीवित व्यक्ति की शवयात्रा निकाली जाती है।

5-उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा और उत्तरपूर्वी राज्यों में अच्छी बारिश के लिए पूरे हिंदू रीति-रिवाजों से मेंढ़क-मेंढ़की की शादी करवाई जाती है। इतना ही नहीं उड़ीसा में तो मेंढ़कों का नाच तक करवाया जाता है।

6- बुंदेलखंड में अच्छी बारिश के लिए महिलाएं जंगल में जाकर गाकड (बाटी) बनाती हैं। उसे खुद और पूरे परिवार के साथ मिल बांटकर खाती है। माना जाता है कि इससे अच्छी बारिश होती है।

7- मध्यप्रदेश के कई गांवों में ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग को पूरी तरह से पानी में डूबोकर रखे जाने से अच्छी बारिश होती है|

8- मध्यप्रदेश के ही खंडवा जिले के बीड़ में गांव के लोग मंदिर के कैंपस में खाली मटके जमीन में गाड़ देते हैं और अच्छे मानसून की कामना करते हैं।

9-उज्जैन की बड़नगर तहसील में पंचदशनाम जूना अखाड़ा के श्री शांतिपुरी महाराज ने साल 2002 में बारिश के लिए जमीन के अंदर 75 घंटे की समाधि ली। जब समाधि पूरा होने के बाद उन्हें बाहर निकाला गया, तो वे मृत पाए गए।

10- मध्य प्रदेश के सागर जिले के शिकारपुर गांव में 2002 सूखे के दौरान जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को ग्रामीणों ने कड़ी धूप में सूखे पेड़ से बांध दिया था। ग्रामीणों की मान्यता थी कि इससे सूखा खत्म होगा।

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