टैक्सी बिल घोटाले की होगी विजिलेंस जांच, दोषी अफसर फसेंगे

टैक्सी बिल देहरादून। स्वास्थ्य विभाग ने तीन साल पहले हुए डेढ़ करोड़ के टैक्सी बिल घोटाले की विजिलेंस जांच की संस्तुति कर दी है। इस संबंध में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ओम प्रकाश ने गृह विभाग को विजिलेंस जांच संबंधी संस्तृति पत्र भेज दिया है।

स्वास्थ्य विभाग में टैक्सी बिल घोटाले की शासन और विभागीय स्तर पर हुई तीन जांचों में दोषी पाए गए अफसरों के अलावा घोटाले में शामिल कई अन्य अफसरों की मुश्किल बढ़ गई है। जांच में दोषी साबित होने के बाद भी ठोस कार्रवाई न होने पर मामले में मुख्यमंत्री ने भी कुछ समय पहले विजिलेंस जांच को हरी झंडी दी थी।

बुधवार को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ओम प्रकाश ने इस प्रकरण की विजिलेंस जांच की संस्तुति कर दी। इसके बाद ही विभाग ने पूरे मामले में जांच बिठाते हुए 12 अफसरों को दोषी ठहराया था।

इधर, प्रमुख सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि टैक्सी बिल घोटाले के दोषी दस अफसरों को पहले ही आरोप पत्र दिए जा चुके हैं। अब इस मामले में संलिप्त कोई अन्य दोषी बच नहीं पाएगा, इसके लिए विजिलेंस जांच कराई जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग में मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेशों पर वर्ष 2008 से 2013 के बीच चार जिलों के सीएमओ, सीएमएस और पूर्व दो मुख्यमंत्रियों के पांच निजी सचिवों ने अलग- अलग अस्पतालों से करीब डेढ़ करोड़ का गलत भुगतान कर दिया था।

इस मामले में सरकार तीन बार जांच करा चुकी है। सूत्रों का कहना है कि इसकी विजिलेंस जांच होती है, तो दोषी अफसरों के अलावा कई अन्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

स्वास्थ्य विभाग में मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेशों पर वर्ष 2008 से 2013 के बीच चार जिलों के सीएमओ, सीएमएस और पूर्व दो मुख्यमंत्रियों के पांच निजी सचिवों ने अलग- अलग अस्पतालों से करीब डेढ़ करोड़ का गलत भुगतान कर दिया था। इस मामले में सरकार तीन बार जांच करा चुकी है। सूत्रों का कहना है कि इसकी विजिलेंस जांच होती है, तो दोषी अफसरों के अलावा कई अन्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

LIVE TV