दल बदलने वाले विधायकों पर 12 दिन में फैसला

टीएमसी में शामिलअगरतला| त्रिपुरा विधानसभा के अध्यक्ष रामेंद्र चंद्र देबनाथ ने बुधवार को कहा कि वह छह कांग्रेस विधायकों के टीएमसी में शामिल होने के मामले पर अगले 10-12 दिनों में फैसला ले लेंगे। देबनाथ ने बताया, “मंगलवार को चार कांग्रेसी विधायकों ने मुझसे मुलाकात की और दो अन्य के हस्ताक्षर समेत एक पत्र मुझे सौंपा। उन्होंने बताया कि वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं और मुख्य विपक्षी दल के रूप में मान्यता देने की मांग की।”

टीएमसी में शामिल विधायक

इस पत्र पर निलंबित कांग्रेस नेता सुदीप रॉय बर्मन के अलावा कांग्रेसी विधायक आशीष साहा, विश्वबंधु सेन, दिबा चंद्रा हरंगखावल, प्रांजित सिंघा रॉय और दिलीप सरकार ने हस्ताक्षर किए हैं।

जब रॉय बर्मन यह पत्र अध्यक्ष को दे रहे थे तो प्रांजित त्रिपुरा से बाहर होने के कारण उपस्थित नहीं थे, जबकि दिलीप सरकार भी मौजूद नहीं थे।

टीएमसी की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती, जो 19988-1993 की कांग्रेसनीत सरकार में मंत्री थे, ने चेतावनी दी है कि अगर अध्यक्ष ने उनकी पार्टी को मुख्य विपक्षी दल के रूप में मान्यता नहीं दी तो कांग्रेस के 6 विद्रोही विधायक राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग करेंगे।

टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर राज्यपाल तथागत रॉय से मंगलवार रात को मुलाकात की और उन्हें त्रिपुरा के राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी दी।

रॉय बर्मन ने अन्य पार्टी नेताओं के साथ पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के वामदलों से गठजोड़ के विरोध में इस्तीफा दे दिया था।

वहीं, सोमवार को एक दूसरे कांग्रेसी विधायक जितेंद्र सरकार ने त्रिपुरा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह दोबारा सत्ताधारी मार्क्‍सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी में जा रहे हैं।

इन इस्तीफों के बाद से त्रिपुरा विधानसभा में कांग्रेसी सदस्यों की संख्या 60 सदस्यीय सदन में 10 से घटकर 3 रह गई है जो अब तक सबसे कम है।

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