टाटा ट्रस्ट्स-जीई हेल्थकेयर 10 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे

टाटा ट्रस्ट्समुंबई| टाटा ट्रस्ट्स और जीई हेल्थकेयर ने सोमवार को तीन साल में स्वास्थ्य क्षेत्र के विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में 10,000 नौजवानों को प्रशिक्षित करने के लिए एक साझेदारी की घोषणा की। यह साझेदारी स्वास्थ्य देखभाल तकनीकी या आपरेटिंग स्टाफ को प्रशिक्षित करने पर केन्द्रित है।

टाटा ट्रस्ट्स और जीई हेल्थकेयर

यह घोषणा टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा, जीई हेल्थकेयर के सस्टेनेबल हेल्थकेयर सल्यूशंस की अध्यक्ष और सीईओ टैरी ब्रेजेनहैम और जीई साऊथ एशिया के अध्यक्ष और सीईओ बनमाली अग्रवाल की मौजूदगी में की गई।

घोषणा के अनुसार, अगले तीन सालों में 10,000 उमीदवारों को पाठ्यक्रम के लिए योग्य होने पर टाटा ट्रस्ट्स की तरफ से स्कॉलरशिप प्राप्त होगी। जीई खास उम्मीदवारों को उनकी योग्यता के आधार पर फंड भी देगी।

यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में अलाइड हेल्थकेयर प्रोफैशनल्स (एएचपी) के लिए मौजूदा जरूरत लगभग 65 लाख है, जबकि आपूर्ति 300,000 से कम है। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के अनुसार 2018 तक हेल्थकेयर तकनीशियन का मांग-आपूर्ति का अंतर भारत में 445,000 (84 फीसदी) होगा।

इस मौके पर टाटा ट्रस्ट्स के प्रबंध न्यासी आर. वेंकटरमन ने कहा, “टाटा ट्रस्ट्स का उद्देश्य प्रशिक्षित और प्रेरित हेल्थकेयर कर्मचारी उपलब्धता करवा कर हेल्थकेयर डिलीवरी का विकास करना है। हमें विश्वास है कि जीई हेल्थकेयर के साथ हमारी इस हिस्सेदारी की सहायता से कई प्रशिक्षित युवा लोग, विशेष तौर पर महिलाएं, आगे आएंगे और इस फासले को मिटाएंगे।”

उन्होंने कहा कि अगले पांच सालों तक टाटा ट्रस्ट्स 500,000 नौजवानों को प्रशिक्षित करने और 5,000 सूक्ष्म और छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करने पर ध्यान देगा।

भारत में जीई हेल्थकेयर एजुकेशन इंस्टीट्यूट अपने स्वास्थ्य देखभाल कौशल निर्माण और कौशल विकास कार्यक्रम ‘योग्य भारत फॉर एन आरोग्य भारत’ का संचालन करता है, जिसका उद्देश्य प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल स्रोतों को विकसित कर पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल का विकास करना है।

जीई एचसीई 12वीं कक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों के लिए मान्यताप्राप्त कौशल निर्माण पाठ्यक्रम और मौजूदा स्वास्थ्य क्षेत्र के पेशेवरों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम उपलब्ध करवाता है। अब तक लगभग 5500 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। संस्थान के पास मौजूदा समय में पूरे भारत में 10 केंद्र उपलब्ध हैं और यह कौशल साझेदारों के माध्यम से 39 विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करता है।

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