झारखंड में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ होंगी रैलियां

रांची। झारखंड में विभिन्न परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और राज्य के दो भूमि कानूनों में एक अध्यादेश के जरिए प्रस्तावित बदलाव के विरोध में इस माह दो रैलियों और एक दिन बंद के आयोजन की तैयारी है। हजारीबाग जिले के बरकागाव में पुलिस फायरिंग में हुई चार ग्रामीणों की मौत के विरोध में विपक्षी पार्टियों ने 19 अक्टूबर को एक रैली और 24 अक्टूबर को एक बंद के आयोजन का आह्वान किया है।

भूमि अधिग्रहण

विपक्षी दलों के नेताओं ने शुक्रवार को एक बैठक की और रैली एवं बंद की रणनीति बनाई। विपक्ष के सभी बड़े नेताओं ने बैठक में भाग लिया।

बैठक में भाग लेने के बाद कांग्रेस के एक नेता राकेश सिन्हा ने कहा, “पुलिस फायरिंग के विरोध में 19 अक्टूबर को संकल्प रैली होगी और 24 अक्टूबर को बंद का आयोजन होगा।”

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय, पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक(जेवीएम-पी) के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, जद-यू, राजद और वाम पार्टियों के नेताओं ने भी बैठक में भाग लिया।

विगत 1 अक्टूबर को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की जिसमें तीन नाबालिग समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। बड़कागांव के निवासी कोयला खंड की खनन के लिए एनटीपीसी द्वारा भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि उन्हें समुचित मुआवजा नहीं दिया गया है।

उधर, अध्यादेश के जरिए दो भूमि कानूनों-छोटानागपुर काश्तकारी कानून और संथाल परगना काश्तकारी कानून में प्रस्तावित बदलाव के विरोध में अदिवासी संघर्ष मोर्चा ने 22 अक्टूबर को रांची में एक रैली के आयोजन का आह्वान किया है।

अध्यादेश पर एक बार राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद गैर कृषि उद्दश्यों जैसे सड़क, ऊर्जा परियोजनाओं और माल के निर्माण के लिए कृषि भूमि का अधिग्रहण किया जा सकता है।

विपक्षी पार्टियां और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घटक दल अखिल झारखंड छात्र संघ भी कानूनों में प्रस्तावित बदलाव का विरोध कर रहे हैं।

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