किसानों के लिए हिमाचल सरकार की सराहनीय पहल, बनाए जाएंगे 200 जैविक गांव

जैविक गांवों का विकासशिमला। हिमाचल प्रदेश की सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जैविक गांवों का विकास करेगी। प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्य तौर पर कृषि और बागवानी में निवेश पर आधारित है। राज्य की योजना शीतगृहों में निवेश की भी है। सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि अतिरिक्त 2000 हेक्टेयर भूमि को जैविक खेती के तहत लाया जाएगा। अगले वित्त वर्ष में 200 जैव गांवों को विकसित करने की योजना है।

उन्होंने कहा कि जैव गावों के किसान सिर्फ जैविक उर्वरकों व जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करेंगे। फलों और सब्जियों की खेती में रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल को हतोत्साहित किया जाएगा।

जैविक खाद की मांग पूरी करने के लिए सरकार ने साल 2017-18 के बजट में 20,000 वर्मी-कम्पोस्ट इकाइयों के स्थापना का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए किसानों को 50 फीसदी सहायता दी गई है।

जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आठ मार्च को पेश किए गए राज्य के बजट (2017-18) में कहा कि तीन बेहतरीन जैविक किसानों को तीन लाख रुपये, दो लाख रुपये और एक लाख रुपये के पुरस्कार दिए जाएंगे।

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