जेट एयरवेज के कर्मचारी यूनियन का बड़ा सवाल, 22 हजार कर्मचारियों की आखिर कौन करेगा मदद

नई दिल्ली : बंद हो गई जेट एयरवेज के कर्मचारी संगठन ने सरकार से सवाल पूछा है कि वो कब 22 हजार कर्मचारियों की मदद करेंगे। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिख कर कर्मचारी यूनियन ने जेट एयरवेज को फिर से शुरू करने की अपील की हैं।

 

जेट एयर

वहीं पत्रकारों से वार्ता करते हुए जेट एयरवेज कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष किरण पावसकर ने कहा कि कंपनी से सीधे तौर पर जुड़े 16 हजार कर्मचारी बेकार हो गए हैं।

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नहीं मिलेगी नौकरी –

बता दें की पावसकर का कहना हैं की  अगर बैंकों ने पैसा नहीं दिया और भविष्य में जेट एयरवेज शुरू नहीं होती है तो फिर कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। ज्यादा उम्र वाले कर्मचारियों को दूसरी कंपनियों में नौकरी नहीं मिलेगी।

 

 

नरेश गोयल को बाहर करना गलत -जहां आज जेट एयरवेज को पूरी दुनिया जानती है। जिस व्यक्ति ने 25 साल की मेहनत करके इसका नाम पूरी दुनिया में रोशन किया, उसको ही कंपनी से बाहर कर दिया।ऐसे में लगता है जेट एयरवेज से नरेश गोयल को बाहर निकालने में किसी की साजिश है।

 

बैंकों पर सवाल –

 

खबरों के मुताबिक पावसकर ने बैंकों के पैसा न देने के  निर्णय पर भी सवालिया निशान उठाते कहा कि बैंक उनसे तो पैसा वसूल कर नहीं पाए, जो घोटाला करके विदेश में बस गए। लेकिन जो शख्स देश में मौजूद है और एक प्रतिष्ठित एयरलाइन का मालिक है उसको पैसा देने में बैंक क्यों मना करते रहे।

 

अगर बैंक जेट एयरवेज को 400 करोड़ रुपये दे देते, तो फिर यह स्थिति नहीं होती जो आज हैं। वहीं जेट एयरवेज के बंद होने के बाद केंद सरकार ने नियमों के तहत सभी तरह की मदद करेंगे ताकि कंपनी फिर से अपनी सेवाओं को चालू कर सके।नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि इसके अलावा यात्रियों की भी हर तरह से मदद की जाएगी

 

 नियमों के तहत मिलेगा रिफंड –

 

मंत्रालय ने कहा है कि जिन यात्रियों ने पहले से जेट एयरवेज का टिकट बुक करा रखा है, उनको टिकट का रद्दीकरण, रिफंड या फिर दूसरी एयरलाइंस पर शिफ्ट करने के लिए डीजीसीए नजर बनाए हुए है।मंत्रालय ने कहा कि एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के समूह ने जो निविदाएं मंगाई थी उनका सारा प्रोसेस 10 मई तक पूरा हो जाएगा।

 

इतिहास में याद रखी जाएगी तारीख –

 

दरअसल 17 अप्रैल 2019 की तारीख देश के विमानन इतिहास में याद रखी जाएगी। दरअसल इसी दिन जेट एयरवेज के विमान ने अपनी आखिरी उड़ान भरी थी। इसके बाद अनिश्चितकाल के लिए इस कंपनी की सेवाएं बंद हो गई हैं।

 

आर्थिक तंगी झेल रही जेट को स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह ने और कर्ज देने से मना कर दिया। जिसके बाद कंपनी को यह कदम उठाना पड़ा। अब अहम सवाल यह है कि जेट एयरवेज का टिकट खरीद चुके यात्री क्या करेंगे। जिन यात्रियों ने जेट एयरवेज से टिकट बुक कराया है उनके पास क्या विकल्प हैं या फिर उन्हें रिफंड कैसे मिलेगा।

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