मरने से डर गया कन्हैया, खत्म कर दी भूख हड़ताल

नई दिल्ली। जेएनयू में हुए देशविरोधी कार्यक्रम के मामले में यूनिवर्सिटी की ओर से सुनाई गई सजा के खिलाफ छात्रों ने भूख हड़ताल की थी। जेएनयू में भूख हड़ताल की शुरुआत छात्रसंघ अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य सहित लगभग 21 लोगों ने मिलकर की थी। हालांकि कन्हैया कुमार की तबियत ज्‍यादा बिगड़ने के बाद उन्हें अपनी हड़ताल खत्‍म करनी पड़ी।

जेएनयू में भूख हड़ताल खत्म, पर आंदोलन अभी भी जारी

जेएनयू में भूख हड़ताल

बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जेएनयू में भूख हड़ताल के दौरान कन्हैया की हालत खराब होने पर उसे एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल हालत में सुधार आने पर अब उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। मामले को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों को बाहरी लोगों को आमंत्रित न करने की सलाह दी है।

प्रशासन ने कहा कि इससे परिसर में शैक्षणिक माहौल खराब औऱ शांति की स्थिति बिगड़ सकती है। परिसर में प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों में से पांच ने कल अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है जबकि 15 अन्य अपनी हड़ताल जारी रखे हुए हैं।

हड़ताल जारी रखने वाले छात्रों का कहना है कि वह हड़ताल जारी रखेंगे। उनका कहना है कि हमारे अध्यक्ष को  आराम करने की सलाह दी गई है। उसकी कुछ मेडिकल जांच होनी हैं। स्वास्थ्य के कारण उसने भूख हड़ताल वापस ले ली थी लेकिन आंदोलन अभी भी जारी रहेगा।

वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों का कहना है कि उपवास पर बैठे छात्रों का ब्लड प्रेशर लो हो गया है और कीटोन का स्तर ऊंचा है।

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