देशद्रोह के बाद अब जेएनयू का नक्सली कनेक्शन

जेएनयूरायपुर| बस्तर में तीन जेएनयू प्रोफेसरों का ग्रामीणों को नक्सलियों का साथ नहीं देने के लिए धमकाने का मामला जोर पकड़ता जा रहा है| इन आरोपों के बीच जदगलपुर कलेक्टर अमित कटारिया के फेसबुक पेज पर हुई एक पोस्ट ने आग में घी का काम किया है|

इस पोस्ट में लिखा है कि ग्रामीणों ने लिखित में शिकायत की है कि मंगलवार को दिल्ली से जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेसर बस्तर के कुम्माकोलेंग और नामा गांव पहुंचे| इन लोगों ने गाँव वालों को सरकार के खिलाफ लड़ाई लडऩे के लिए माओवादियों का साथ देने के लिए कहा| जब लोगों ने इसका विरोध किया तो इन्होनें गाँव वालो को धमकाया| इस पोस्ट में ग्रामीणों की जेएनयू प्रोफेसरों के खिलाफ हस्ताक्षर सहित शिकायती पत्र को भी डाला गया है|

जेएनयू का नक्सली कनेक्शन

कटारिया ने लिखा JNU से आए प्रोफेसर अर्चना प्रसाद, ऋचा केशव, विनीत तिवारी, सीपीएम ने संजय पराते के खिलाफ ग्रामीणों ने लिखित में शिकायत दर्ज करवाई है।

दूसरी तरफ जेएनयू प्रोफेसर्स ने इन आरोपों को निराधार बताया है| उनका कहना है कि हम लोगों ने ग्रामीणों को किसी भी तरह की धमकी नहीं दी| हम तो सिर्फ ग्रामीणों को माओवादियों से दूर होकर एकजुट रहने की सलाह दे रहे थे| पुलिस हमारे साथ जबरदस्ती कर रही है|

ये लिखा है शिकायती पत्र में

माओवाद प्रभावित कुमाकोलेंग, नामा और सौतवार के लोगों ने दरभा थाने में शिकायत की है कि दिल्ली के जेएनयू से आये कुछ लोगों ने गाँव वालों को धमकाया| इन्होनें कहा, यदि तुम लोग माओवादियों की मदद बंद नहीं करोगे तो जान से जाओगे| गांव के भीतर अगर पुलिस ने कैम्प लगाया तो बहू-बेटियों की इज्जत पर बन आएगी| इसलिए माओवादी जैसा कहते हैं, वैसा ही करो, इसी में गाँव की भलाई है|

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