जिसने बचाई थी दर्जनों लोगों की जिंदगी, उसी ने कर लिया आत्मदाह

ढाका।साल 2013 में राणा प्लाजा के ढहने की घटना में दर्जनों लोगों को बचाने वाले एक बांग्लादेशी कार्यकर्ता ने शरीर पर किरासन तेल डालने के बाद आत्मदाह कर लिया। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

आठ मंजिला वाणिज्यिक इमारत राणा प्लाजा के ढहने की घटना में 1,100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

आघात संबंधी अवसाद से कई वर्षों तक पीड़ित रहने के बाद बुधवार रात नौशाद हसन हिमू (27) ने आत्मदाह कर लिया। ढाका के नजदीक अशुलिया इलाके के बिरूलिया में उसके किराए के घर के बाहर पड़ोसियों ने उसे जलते हुए देखा।

‘ढाका ट्रिब्यून’ ने सावर थाना के सब इंस्पेक्टर असगर अली के हवाले से कहा है, ‘‘हमने उसका शव सुहरावर्दी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मुर्दाघर भेज दिया है।’’

अली ने बताया कि हिमू ने राणा प्लाजा हादसे के छह साल पूरा होने पर खुद पर किरासन तेल डालने के बाद आग लगा लिया।

राणा प्लाजा विश्व की सबसे खराब औद्योगिक त्रासदियों में से एक है जिसमें 1,134 लोगों की मौत हुई थी। हिमू ने वहां कई लोगों को बचाया और 17 दिनों तक चले बचाव अभियान में कई शवों को बरामद किया था।

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त्रासदी के दौरान बांग्लादेशी गारमेन्ट श्रमिक समहति के साथ हिमू ने करीबी रूप से काम किया था। संगठन ने कल एक शोक संदेश में कहा है कि 2016 से उसमें परिवार से विरक्ति के लक्षण दिखने लगे थे। वह अकेले रहने लगा था।

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