जिले में बढ़ रही कुपोषित बच्चों की भरमार, अस्पतालों की टूटी कमर, नहीं है कोई व्यवस्था !
रिपोर्ट – दिलीप कटियार
फर्रुखाबाद : जिले के सबसे बड़े अस्पताल राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एनआरसी बार्ड में दस बेड कुपोषित बच्चों के लिए आरक्षित हैं लेकिन जिले में कुपोषित बच्चों की भरमार है |
एक बेड पर तीन बच्चों को लिटाया जाता है | साथ ही बहुत से बच्चे वापस कर दिए जाते हैं | जिसका मुख्य कारण अस्पताल में कोई दूसरी व्यवस्था नहीं है | उसके साथ ही पहले से यह वार्ड भरा हुआ चल रहा है |
एक दिन में कुपोषित बच्चों की संख्या 41 तक हो जाती है | जिसके चलते एक माह पहले अस्पताल में भर्ती रहे बच्चे को दोबारा नहीं भर्ती किया जा सका और रेफर करते समय उसकी मौत हो जाती है |
इस बात को लेकर जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चों की संख्या बहुत है |
एक वार्ड आरक्षित है उसके अलावा यदि अधिक बच्चे आते हैं उनके लिए हमारे पास पर्याप्त इंतजाम है | साथ ही कुपोषित बच्चों के परिजनों को जागरूक होना भी अति आवश्यक है |
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लोगो के अंदर अज्ञानता के साथ गरीबी भी है | एनआरसी के डॉक्टर विवेक सक्सेना से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि क्षमता से अधिक बच्चों का इलाज कर रहे हैं |
साथ ही ऊपर 10 बेड पर 21 बच्चे शिफ्ट किए हैं | वहीं चार बच्चों को नीचे वार्ड में भर्ती किया गया है | शासन से मांग की है कि कुपोषित बच्चों की संख्या को देखते हुए बेड बढ़ा दिए जाएँ |
लेकिन हकीकत कुछ और ही है क्योंकि डॉक्टर अपना प्राइवेट अस्पताल चला रहे है उसी वजह से लोहिया अस्पताल में समय नहीं दे रहे हैं साथ बच्चों का इलाज भी सही नहीं हो पाता है |