जिला सहकारी बैंक इलाहाबाद के उप महाप्रबंधक निलंबित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जिला सहकारी बैंक इलाहाबाद के उप महाप्रबंधक घनश्याम त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है। उन पर बैंक के वित्तीय कार्यो में लापरवाही बरतने का आरोप है। हाल ही में प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने जिला सहकारी बैंक, इलाहाबाद की समीक्षा की थी। समीक्षा के दौरान पाया गया कि वर्ष 2016 के संतुलन पत्र के आधार पर नाबार्ड द्वारा किए गए निरीक्षण पर बैंक सीआरएआर (कैपटिल टू रिस्क एसेट रेशियो) 2.07 प्रतिशत था, जिसे 31 मार्च, 2017 तक आरबीआई के निर्धारित मानकों के अनुसार नौ प्रतिशत किए जाने के लिए नौ करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता थी।
जांच में पाया गया कि सितंबर, 2015 के आधार पर वित्तीय सहायता की मांग करते समय सहकारी बैंक इलाहाबाद में कार्यरत उप महाप्रबंधक (लेखा) घनश्याम त्रिपाठी ने सही आंकलन नहीं किया, जिस के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई।
यूपी के बलरामपुर में दो अलग-अलग जगहों पर नाबालिग लड़कियों के साथ रेप
जांच में कहा गया कि त्रिपाठी द्वारा 30 सितंबर, 2015 के आधार पर अर्द्धवार्षिक ब्याज की गणना का सही आकलन किया गया होता तो बैंक को 800 लाख रुपये ब्याज बैंक द्वारा दिया गया होता, जिससे लाभ-हानि खाता प्रभावित होता। इससे उस समय बैंक की सीआरएआर की वांछित प्रतिशत के क्रम में बैंक को 800 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता प्राप्त हो जाती एवं बैंक सीआरएआर की निर्धारित मानकों को पूर्ण करने में समर्थ हो जाता। इस तरह त्रिपाठी की घोर लापरवाही के कारण बैंक को वांछित सहायता प्राप्त नहीं हो सकी।
त्रिपाठी के इस कृत्य को दृष्टिगत रखते हुए सहकारिता मंत्री के निर्देश के क्रम में बैंक केंद्रीयित सेवा विनियमावली 1978 के विनियम संख्या-61 के प्राविधानों के अंतर्गत घनश्याम त्रिपाठी, उप महाप्रबंधक (लेखा), जिला सहकारी बैंक, इलाहाबाद को निलंबित करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।