जिलाधिकारी पुलकित खरे की कुपोषण के खिलाफ जंग, 8 माह पूर्व हुई थी इस अभियान की शुरुआत

Report-ram srivastav/hardoi

mission 120 कुपोषण को दूर करने की एक नायाब पहल जिलाधिकारी पुलकित खरे द्वारा शुरू की गई   और।   इस अनोखी लड़ाई को लड़ने के लिए 60 अधिकारियों की टीम ने जनपद भर के सर्वाधिक कुपोषित 120 गांवों का चयन किया और फिर शुरू हुआ समय सीमा में बद्ध  एक विशेष अभियान । साथ ही शुरू हुई अपने-अपने गांवों में भ्रमण करने की एक लंबी श्रृंखला, जिसमें भ्रमण का बिंदु केवल आंगनवाड़ी केंद्र ही नहीं बल्कि कुपोषित बच्चों के घर भी थे।

इन भ्रमण में अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों के माता-पिता को विभिन्न जानकारियों को भी प्रदान किया गया जैसे पोषण आहार ,कुपोषित बच्चों को एनआरसी अर्थात पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने संबंधित जानकारियां प्रदान की गई और इसका जिला स्तर पर परिणामों की निरंतरता के साथ अवलोकन किया गया।

जिसका प्रमुख मापदंड नियमित अनुश्रवण था और इस तरह से प्रदेश की राजधानी लखनऊ से कुछ ही दूर पर स्थित मुख्यतः ग्रामीण परिवेश का हरदोई जिला एक सकारात्मक बदलाव की हवा का साक्षी बन रहा था ।  ग्रामीण स्वस्थ् मातृत्व से लेकर आंगनवाड़ी केंद्रों पर होने वाली गतिविधियों के साथ-साथ अपने नौनिहालों के लिए संतुलित आहार की बातें कर रहे हैं।

डीएम पुलकित खरे

हरदोई जनपद के युवा एवं ऊर्जावान जिलाधिकारी पुलकित खरे जिन्होंने मिशन 120 नामक इस नई पहल को शुरू किया है कहते हैं कि पोषण कभी भी बहस का एजेंडा नहीं रहा विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में तो बिल्कुल नहीं, इसे बदलना था । ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों का स्वास्थ्य केवल तभी प्राथमिकता से देखा जाता है जब वे भयंकर बुखार हैजा या पेचिश आदि से पीड़ित हो जाते हैं लेकिन पोषण आहार रोजमर्रा के खानपान में उनकी उपलब्धता या कुपोषण से लड़ने जैसी बातें ग्रामीण घरों में कभी भी प्राथमिकता नहीं पाती हैं। इसका सकारात्मक परिणाम यह रहा कि मिशन 120 के प्रथम चरण में मात्र 8 महीनों के अंदर जनपद के 120 चयनित गांवों के इक्कीस सौ बच्चों जो कि अति कुपोषित श्रेणी के थे को स्वस्थ करने में सफलता प्राप्त हुई।

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मिशन120 का द्वितीय चरण भी जनपद में प्रारंभ हो चुका है। रणनीति कुपोषित बच्चों का चयन। जिन गांवों में इसकी अधिकता है उन गाँवों का गोद लिया जाना और पुरानी सभी नीतियों को फिर से एक बार लागू करते हुए अधिकारी पूरी तन्मयता से इसमें जुड़ चुके हैं।

अगर हम इसके सकारात्मक पहलू का अध्ययन करें तो यह तथ्य संतुष्टि प्रदान करता है कि युवा जिलाधिकारी की मिशन 120 की यह पहल लगभग 8 वर्ष के अल्प समय में लगभग 3600 बच्चों को कुपोषण मुक्त कर सामान्य और स्वस्थ जीवन जीने की राह पर ला चुकी है । इस आधार पर आने वाले समय में इस मिशन के आधार पर हम एक स्वस्थ जनपद की परिकल्पना को साकार करने जा रहे हैं।

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