जिलाधिकारी के आदेश पर एसडीएम ने सौंपी जांच रिपोर्ट, आइएफसी को गेहूं वापस करने के दिए आदेश

गरीबों के गेहूं में भूसा मिला हुआ है। गेहूं की गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। एसडीएम की जांच रिपोर्ट के बाद यह सच्‍चाई सामने आई है। भारतीय खाद्य निगम को गेहूं वापस करने के आदेश दिए गए हैं।

राशन की दुकानों पर घटिया स्तर का गेहूं आपूर्ति किए जाने की शिकायतें लगातार जिलाधिकारी को मिल रहीं थीं। जिलाधिकारी राकेश कुमार ने शुक्रवार को सभी उप जिलाधिकारी को आदेश दिए थे कि अपने-अपने क्षेत्र में राशन की दुकानों को खाद्यान्न आपूर्ति करने वाले गोदाम की जांच करेंं। गोदाम में रखे गेहूं व चावल की गुणवत्ता की जांच कर शीघ्र इसकी रिपोर्ट देंं। बता देंं कि भारतीय खाद्य निगम के द्वारा राज्य खाद्य निगम के गोदाम को गेहूं व चावल की आपूर्ति की जाती है। राज्य खाद्यान्न निगम (एसएफसी) के गोदाम से जिले के राशन दुकानदारों को गेहूं व चावल भेजा जाता है। जिले में आठ एसएफसी गोदाम हैंं। इसमें सदर तहसील में तीन, ठाकुरद्वारा में दो और कुंदरकी, बिलारी व कांठ में एक-एक गोदाम हैंं।

जिले से सभी उपजिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट जिला पूर्ति अधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को भेती है। इसमें कहा है कि चावल की गुणवत्ता ठीक पाई गई है। गेहूं में भूसा मिला होना पाया गया है। गेहूं के दाने छोटे व सिकुड़े हुए हैं। जबकि पंजाब से आने वाले गेहूं के दाने बड़े हैंं। इसमें भूसा नहीं होता है। सरकार का आदेश है कि राशन के दुकानों पर अच्छे गुणवत्ता वाले गेहूं की आपूर्ति करे। जिला पूर्ति अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद एसएफसी गोदाम प्रभारी को आदेश दिया गया है कि भूसा वाले गेहूं को आइएफसी गोदाम को वापस कर देंं और गुणवत्ता वाला गेहूं लाकर राशन दुकानों पर इसकी आपूर्ति करेंं। भारतीय खाद्य निगम के स्थानीय प्रबंधक को पत्र भेजा गया है और गुणवत्ता वाले गेहूं की आपूर्ति करने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।

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