जिओ ने फिर किया पांचवां बड़ा निवेश, KKR ने खरीदी 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी

प्राइवेट इक्विटी फर्म केकेआर (KKR) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की कंपनी जियो प्लैटफॉर्म्स में 2.32 फीसद हिस्सेदारी खरीदेगी। केकेआर यह हिस्सेदारी 11,367 करोड़ रुपये में खरीदेगी। आरआईएल ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी है। यह ताजा डील जियो प्लैटफॉर्म्स को 4.91 लाख करोड़ रुपये  की इक्विटी वैल्यूएशन और 5.16 लाख करोड़ रुपये एंटरप्राइज वैल्यू देती है। यह 22 अप्रैल के बाद अब तक का जियो प्लैटफॉर्म में आया पांचवा निवेश है।

इस ताजा डील के साथ ही जियो प्लैटफॉर्म्स में 17.07 फीसद विदेशी हिस्सेदारी हो गई है। कंपनी में पहला और सबसे बड़ा निवेश फेसबुक का आया था। फेसबुक ने 43,573.62 करोड़ रुपये में कंपनी की 9.99 फीसद हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की थी। फेसबुक ने यह घोषणा 22 अप्रैल को की थी। फेसबुक के बाद प्राइवेट इक्विटी फंड्स सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स और जनरल अटलांटिक ने जियो प्लैटफॉर्म में निवेश की घोषणा की थी।

फेसबुक के बाद सिल्वर लेक ने 4 मई 2020 को जियो प्लैटफॉर्म में 5655.75 करोड़ रुपये में 1.15 फीसद हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की थी। इसके बाद आठ मई 2020 को विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने जियो प्लैटफॉर्म्स में 11,367 करोड़ रुपये में 2.32 फीसद हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की। विस्टा के बाद 17 मई 2020 को जनरल अटलांटिक ने जियो प्लैटफॉर्म्स में 6598.38 करोड़ रुपये में 1.34 फीसद हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की थी और अब केकेआर ने जियो प्लैटफॉर्म्स में निवेश की घोषणा की है। इस तरह अब तक कुल पांच बड़े निवेशकों द्वारा जियो प्लैटफॉर्म में 78,562 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है।

प्राइवेट इक्विटी फर्म केकेआर की स्थापना 1976 में हुई थी। यह लंबे समय से वैश्विक निजी उद्यमों में निवेश करती आ रही है। इस कंपनी ने बीएमसी सॉफ्टवेयर, बाइटडांस और गोजेक सहित कई प्रौद्योगिकी कंपनियों में निवेश किया है। केकेआर के टेक पोर्टफोलियो में प्रौद्योगिकी, मीडिया, और दूरसंचार क्षेत्रों की कुल 20 से अधिक कंपनियां शामिल हैं।

गौरतलब है कि आरआईएल पर इस समय 1.61 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। मुकेश अंबानी अपने प्रमुख कारोबारों में रणनीतिक निवेश लाकर और राइट्स इश्यू के जरिए कंपनी को शीघ्र कर्ज मुक्त करना चाहते हैं।आरआईएल के अध्यक्ष की मार्च 2021 तक कंपनी को कर्जमुक्त करने की योजना है। इसी कड़ी में वे निवेश ला रहे हैं। हालांकि, माना जा रहा है कि आरआईएल इस साल के अंत तक ही कर्ज मुक्त हो सकती है।

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