जिंदा किसान को कागजो में मारा…

REPORT-VIJAY KUMAR

PLACE-MUZZAFFARNAGAR

 

उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फरनगर का रहने वाला एक किसान इन दिनो सहकारी गन्ना समिति के दफ्तर में चीख चीख कर कह रहा है, साहब मैं जिन्दा हूँ.लेकिन गन्ना समिति के अधिकारी है की पिछले आठ दिन उसे मृतक घोषित किए बैठे है।

 

 

खामपुर खुड्डा गांव का निवासी रामपाल सिंह खुद के जिन्दा होने का सबूत लिए सहकारी गन्ना समिति रोहाना के रोज चक्कर काट रहा हैं। पिछले आठ दिन से किसान रामपाल सिंह पुत्र रामचद्र गन्ना समिति के अधिकारी से मिलने आता और लम्बी कतार में लगा रहता उसके बाद मिलने का नंबर नहीं आने से मायूस होकर वापिस रोज की तरह अपने गांव चला जाता।

झाबुआ जिले में अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन एक्शन पर …

वहीं किसान रामपाल की माने तो वो जनपद मुज़फ्फरनगर के खामपुर खुड्डा गांव का निवासी है। जो खेती कर अपना और अपने पुरे परिवार का पालन पोषण करता है।

सरकार के द्वारा दिए गए गन्ना सप्लाई कार्ड को लेकर वो मिल में अपने गन्ने को डालने के लिए ऑनलाइन पर्ची का इस्तेमाल करता था। लेकिन इस सीजन से ऑनलाइन पर्ची नहीं मिलने से वो परेशान था।

जिसके चलते किसान रामपाल सिंह सहकारी गन्ना समिति के कर्मचारियों से इस बारे में पूछा तो उसको बताया गया की वह मर चूका है। जिसके बाद उसका कार्ड गन्ना समिति द्वारा बंद कर दिया गया है। इस जानकारी के बाद पीड़ित किसान ने अधिकारियो से मिलने की कोशिश की लेकिन उसकी समस्या का कोई समाधान नहीं पाया।

पीड़ित किसान की सच्चाई मीडिया में आने के बाद सहकारी गन्ना समिति में हडकंप मच गया। मामले की जानकारी होते ही पीड़ित किसान रामपाल सिंह से उसकी समस्या सुनी गई तो सहकारी गन्ना समिति के सेकेटरी विनोद कुमार हाथ पाव फूल गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए गन्ना समिति के सेकेटरी ने पीड़ित किसान से उसके ज़िंदा होने का सबूत मांगा और उसके कागजात समिति में जमा कर लिए।

हालांकि अपनी सफाई पेश करते हुए समिति सैकेट्री २८ हज़ार ७०० किसानों के रजिस्ट्रेशन के दौरान होने वाली मामूली त्रुटि होने का हवाला दिया और अपनी गलती पर पर्दा डालने का प्रयास किया। जबकि पीड़ित किसान रामपाल सिंह का कहना है की पिछले आठ दिन से वो लगातार कर्मचारियों से अधिकारियो से मिलने को कोशिश कर रहा था लेकिन मेरी समस्या से किसी को कोई लेना देना नहीं था।

गन्ना समिति के दस्तावेजों में मुझे मृतक घोषित कर मेरे कार्ड को बंद कर दिया गया। पिछले कई दिन से परेशान पीड़ित किसान रामपाल सिंह ने बताया की वो खुद को जिन्दा साबित करने के लिए पिछले कई दिनों से समिति के चक्कर काट रहा है। सहकारी गन्ना समिति रोहाना कलां की इस लापरवाही के चलते वो अपने खेतों में गेहूं की फसल भी नहीं बो पा रहा है। क्योकि समिति के दस्तावेजों में मृतक रामपाल सिंह कब और कैसे जिन्दा होगा उसके लिए क्या करना होगा उसकी जानकारी देने वाले अन्य कर्मचारी भी उसको बरगलाने के सिवा और कुछ नहीं कर रहे है।

फिलहाल रामपाल सिंह को सहकारी गन्ना समिति के अधिकारियो द्वारा उसके जिन्दा होने का सबूत मांगा है। जो रामपाल सिंह ने समिति के अधिकारियो के समक्ष पेश कर दी है। अब देखने वाली बात ये होगी की गन्ना समिति के कागजों में मृतक रामपाल सिंह कब जिन्दा होकर अपनी गेहूँ की फसल को बोकर अपने गन्ना सप्लाई कार्ड का लाभ उठा पाएँगे।

दरअसल ज़िन्दा को मुर्दा बनाने वाले विभाग का तर्क, कहा ये थी मामूली त्रुटि पीड़ित जिन्दा किसान को मृतक घोषित करने वाले सहकारी गन्ना समिति रोहाना कलां के सेकेट्री ने अपने विभाग की इस बड़ी लापरवाही को मामूली त्रुटि करार दिया। समिति के सेकेट्री कहते हैं – की उनके विभाग में २८ हज़ार ७०० किसान रजिस्टर्ड है।

जिन पर समिति के फील्ड वर्कर बड़ी मेहनत से काम भी करते है। लेकिन किसी वजह से ये त्रुटि हो गई है। पीड़ित किसान से उसका आई कार्ड माँगा गया हैं। जिसको देखने के बाद उसकी पहचान की गई है। इस पर कुछ किसानो को आपत्ति हुई थी मेरे द्वारा पीड़ित किसान के दस्तावेज ले लिए गए है और उसके काम को करने का दे दिया है।।।

LIVE TV