खुलासा : ब्लड बैंकों में जिंदगी के नाम पर बिक रहा ज़हर, चढ़वाने वाले की मौत तय

जिंदगी के नाम पर ज़हरकानपुर। यहां के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में खून में मिलावट पायी गयी है। इसका खुसाला अस्पताल के डॉक्टर के द्वारा किया गया। बता दें मरीज के लिए मंगाये गए खून में डॉक्टर को शक हुआ। शक के आधार पर खून की जांच करायी गयी। विशेषज्ञों ने पाया कि 1 यूनिट ब्लड को 2 यूनिट बनाया गया है।

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इस मामले के तूल पकड़ने पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने ड्रग इंस्पेक्टर से इसकी जांच के आदेश दिए हैं।

बता दें कि पिछले कुछ सालों में कानपुर चार सरकारी और दस निजी ब्लड बैंको में लगातार छापे पड़ चुके हैं।

ऐसे मामलों में तेजी से जांच के लिए नाको द्वारा कुछ परिवर्तन किये गये हैं। इसके चलते स्टेट ब्लड ट्रान्सफ्यूजन काउन्सिल ने कानपूर के सभी 16 ब्लड बैंकों को गाइड लाइन्स दिए हैं। धांधली में ब्लड बैंक भी शक के घेरे में हैं।

बता दें ब्लड बैग्स के निर्माण के लिए निर्माता कंपनी के लिए लाइसेंस अनिवार्य होता है।

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इसके चलते ऐसे काले कारोबारियों के तार ब्लड बैंक से जुड़े हो सकते हैं। जहाँ नकली ब्लड बैग्स की पैकेजिंग का काला खूनी खेल खेला जाता है।

इन नकली ब्लड बैग्स में मौतें बेचीं जा रही हैं। इस मामले के सन्दर्भ में कानपुर मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक प्रभारी डॉ लुबना खान ने अपनी बात में कहा कि, ‘इस प्रकरण के बारे में पता चलते ही जांच शुरू कर दी गई है’।

साथ ही उन्होंने कहा कि पकड़े गए ब्लड बैग्स पर फर्जी लेबिल और नंबर पड़े थे। जोकि ब्लड बैंक के रिकॉर्ड में मौजूद ही नहीं है। ब्लड बैंक प्रभारी के मुताबिक ऐसे बैग्स हमारे यहाँ इस्तेमाल ही नही होते।

हालांकि अभी तक यह खुलासा नही हो पाया है कि खून में मिलावट किस चीज़ की होती है।

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