जासूसी कांड के आरोपी की शिवराज के साथ तस्वीर देख भड़का विपक्ष

जासूसी कांड के आरोपीभोपाल। मध्यप्रदेश में पाकिस्तान को खुफिया जानकारी मुहैया कराने के आरोप में पकड़े गए पांच आरोपियों को भोपाल न्यायालय ने शुक्रवार को पुलिस को सौंप दिया। वहीं जासूसी कांड के एक आरोपी की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व अन्य भाजपा नेताओं के साथ तस्वीर सामने आने पर राज्य की सियासत गरमा गई है। विपक्षी कांग्रेस हमलावर है तो भाजपा अपने बचाव में लगी है।

आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों से 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। छह आरोपियों को गुरुवार की देर शाम को न्यायालय में पेश किए गया था। वे पुलिस रिमांड पर हैं। पांच आरोपियों को शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सतीश मालवीय की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 फरवरी तक के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।

एटीएस के मुताबिक, पकड़ा गया गिरोह समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित कर पाकिस्तान को खुफिया जानकारी भेजता था। एटीएस ने कई टेलीफोन एक्सचेंज भी पकड़े और हजारों की तादाद में मोबाइल फोन की सिम बरामद की।

उधर, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने एक आरोपी ध्रुव सक्सेना की दो ऐसी तस्वीरें जारी की हैं, जिनमें से एक में वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में और दूसरी में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ नजर आ रहा है।

मिश्रा ने कहा कि तस्वीरों से स्पष्ट है कि राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और देशभक्ति की पैरोकारी करने वाले ये लोग पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वालों के आश्रयदाता हैं। एक तरफ विजयवर्गीय बम धमाकों के आरोपियों के घर जाकर हर संभव मदद का भरोसा दिलाते हैं और अब उनसे जुड़ा एक ऐसा व्यक्ति सामने आया है, जो पाकिस्तान के लिए जासूसी करता था।

इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने एक बयान जारी कर आईएसआई नेटवर्क की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राजधानी भोपाल के अलावा ग्वालियर, जबलपुर और सतना शहरों में आईएसआई के नेटवर्क के फैले होने के बाद प्रदेश सरकार और पुलिस के सुरक्षा संबंधी दावों की पोल खुल गई है। सत्तारूढ़ भाजपा की असलियत एक पार्षद के परिवार के सदस्य और पार्टी के एक प्रकोष्ठ के पदाधिकारी के पकड़े जाने से सामने आ चुकी है।

वहीं मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव बादल सरोज ने कहा कि तस्वीरों से पता चलता है कि एसआईटी द्वारा पकड़े गए आरोपियों के भाजपा से संबंध हैं। भोपाल में पकड़ा गया व्यक्ति भाजपा की इकाई का पदाधिकारी था। वह मुख्यमंत्री शिवराज, गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता और मंत्री विश्वास सारंग के साथ फोटो खिंचवाता था और ग्वालियर में पकड़ा गया आरोपी भाजपा पार्षद के घर का सदस्य है।

कांग्रेस द्वारा आरोपी ध्रुव सक्सेना के साथ तस्वीर जारी किए जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज व विजयवर्गीय का पक्ष जानने के लिए से उनसे संपर्क करने का प्रयास किया, मगर कार्यक्रमों में व्यस्त होने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

भाजपा के मीडिया प्रमुख लोकेंद्र पाराशर ने कहा, “सार्वजनिक जीवन में होने के कारण स्वागत करने कौन व्यक्ति आया, उसके बारे में पता लगाना आसान नहीं होता। जहां तक ध्रुव सक्सेना की बात है, उसके बारे में पता किया जा रहा है कि वह पार्टी का सदस्य है भी या नहीं।”

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के जरिए संघ और हिंदूवादी संगठनों पर हमला बोलते हुए अपने ट्वीट में कहा, “भोपाल में पकड़े गए आईएसआई के एजेंटों में एक भी मुसलमान नहीं है, उनमें से एक तो भाजपा का सदस्य है। मोदीभक्तों कुछ तो सोचो।”

दिग्विजय के इस ट्वीट को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आए दिन आतंकवाद को जाति-धर्म से जोड़ने की बातें करते हैं, जिससे समूचे मध्यप्रदेश का सिर भी शर्म से झुक जाता है। उन्होंने मध्यप्रदेश में मारे गए सिमी आतंकवादियों के समय भी इसी तरह का बर्ताव किया था और आज फिर उनका बयान देश के सामाजिक वातावरण को बिगाड़ने वाला है।

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