जानें क्या नागरिकता संशोधन बिल, संसद में पेश होगा बिल…

इस बार केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में नागरिकता संशोधन बिल लाने की पूरी तैयारी कर चुकी है. इस बार इस बिल को कैबिनेट की तरफ से मंजूरी भी मिल गई है. अब इस बिल को संसद में पेश किया जाएगा. लेकिन इस बिल का विपक्ष काफी विरोध कर रही है.

नागरिकता संशोधन बिल

इस बिल का अच्छा खासा विरोध किया जा रहा है इस बिल का विरोध पूर्वोतर में सबसे ज्यादा किया जा रहा है. इस बिल केंद्रीय मंत्री अमिक शाह संसद में पेश करेंगे.

बिल तैयार, मंजूरी का इंतजार?

एनआरसी बिल के बाद केंद्र सरकार की ओर से नागरिकता संशोधन बिल पर जोर दिया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस दौरान अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है, ऐसे में इसी हफ्ते सरकार इस बिल को सदन में पेश भी कर सकती हैं.

बता दें कि अनुच्छेद 370 को लेकर जो बिल सरकार लाई थी, उस दौरान भी ऐसा ही हुआ था. पहले बिल से कैबिनेट से मुहर लगी, फिर तुरंत सदन में पेश कर दिया गया. तब भी भाजपा ने अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा था.

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क्या है नागरिकता संशोधन बिल?

नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया जा रहा है, जिससे नागरिकता देने वाले नियमों में बदलाव होगा. इस बिल में संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता आसान हो जाएगा.

इसके अलावा अभी भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए 11 साल देश में रहना जरूरी होता है, लेकिन नए बिल के प्रावधान में इस अवधि को 6 साल किया जा सकता है.

 

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