जानिए ‘मैं भी चौकीदार’ को लेकर क्या कहते हैं ‘असली चौकीदार’…
नई दिल्ली : 2 दिन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों ने अपने नाम के आगे चौकीदार लिखना क्या शुरू किया, यह चलन तमाम बीजेपी नेताओं के ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर देखा जाने लगा है।
वही अब बीजेपी के तमाम नेता यह दावा कर रहे हैं कि वह भी देश के चौकीदार हैं, लेकिन ईटीवी भारत ने जब जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की और यह जानने का प्रयास किया है , कि आखिरकार जो हकीकत में चौकीदार हैं ।
हमने चौकीदार लिखा हो रही है तुम्हें तकलीफ , तुम भी नाम के आगे पप्पू लिख लो – अनिल विज
वह इस मुहिम को किस तरह से देखते हैं देहरादून में चौकीदारी कर रहे एम एस रावत कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नाम के आगे अगर चौकीदार शब्द लगाया है तो बहुत सोच-समझकर लगाया है, क्योंकि अगर चौकीदार नहीं होता तो देश की हालत कुछ और ही होती।
वही रावत कहते हैं कि 2 साल पहले तक उन्हें 8000 रुपए मिलते थे, लेकिन अब उन्हें 12000 मिल रहे हैं। जहां लिहाजा प्रधानमंत्री का खुद को चौकीदार कहना उन्हें बेहद अच्छा लगा है।
बता दें कि सुरेश ढोंडियाल का कहना है कि वह लगभग 12 साल से यह काम कर रहे हैं और प्रधानमंत्री का खुद को चौकीदार कहना उन्हें बेहद पसंद आया है। क्योंकि आज चौकीदारों के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। सुरेश कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चौकीदार को सम्मान से देखने के लिए भी यह कदम उठाया गया है।
अब चौकीदारों की तनख्वाह भी पहले से बेहतर है और उन्हें बेहद गर्व होता है कि वह खुद एक चौकीदार हैं। वहीं सुरेश कहते हैं कि विपक्ष जो आरोप लगा रहा है वह बेबुनियाद है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल बेहद अच्छा काम कर रहे हैं। जहां सुरेश देहरादून की पुष्पांजलि सोसाइटी में चौकीदारी करते हैं।
दरअसल देहरादून में अलग-अलग जगहों पर चौकीदारी कर रहे चौकीदारों का कहना है कि उन्हें भी अब खुद को चौकीदार कहने और कहलवाने से खुशी होती है। चौकीदारी कर रहे अजय कुमार सिंह बरेली के रहने वाले हैं, उनसे जब हमने इस बारे में बातचीत की तो उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर खुद को चौकीदार कहते हैं तो इसमें गर्व महसूस होता है।
इतना ही नहीं अजय यह भी कहते हैं कि विपक्ष भले ही जो आरोप लगाए, लेकिन खुद राहुल गांधी ने बरेली में क्या किया है यह किसी से छुपा नहीं है।अजय कहते हैं कि प्रधानमंत्री देश के चौकीदार हैं तो वह यहां पर शोरूम की चौकीदारी करते बेहद खुश हैं।
देहरादून और आसपास के जनपदों में इस बारे में बातचीत करने पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया रहती है कुछ लोगों का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्री चौकीदारी कर रहे हैं तो फिर कैसे पुलवामा अटैक हो जाता है और कैसे आतंकवादी भारत में आकर मौत का तांडव मचाते हैं।
वहीं मंगला प्रसाद और बी एस रावत भी चौकीदारी का काम करते हैं, लेकिन उनका कहना है कि प्रधानमंत्री जैसे शख्स को अपने नाम के आगे चौकीदार नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि वह देश के प्रधानमंत्री हैं और वह प्रधानमंत्री ही रहेंगे।
जहां उनको इन शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. हां, इतना जरूर है कि दोनों का यह मानना है कि प्रधानमंत्री द्वारा पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करके उन्होंने उनके साथ साथ देश के हर इंसान के दिल में जगह जरूर बना ली है।