जानिए नोटबंदी से डिजिटल पेमेंट का क्या है कनेक्शन…

साल 2016 को 8 नवम्बर की रात अचानक नोटबंदी का हुआ ऐलान। बतादें की यह सुनकर किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था। जहां 500 और 1,000 रूपये के नोट बंद कर दिए थे।

 

 

 

खबरों के मुताबिक 8 नवंबर 2016 को शाम 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का एलान किया और 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए।
जहां इसके बाद 2,000 रुपये के नए नोट बाजार में आए जिसे लेकर अफवाह भी उड़ी कि उसमें टिप लगी है। इस नोटबंदी ने भारत में डिजिटल पेमेंट को नया जन्म दिया। वैसे तो भारत में पेटीएम और फ्रीचार्ज जैसे डिजिटल वॉलेट पहले से ही चल रहे थे लेकिन नोटबंदी के बाद इनका इस्तेमाल एटीएम की तरह हुआ। हर दुकान और चाय के ठेले पर पेटीएम के बोर्ड लग गए।

लेकिन असली क्रांति यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के साथ भीम (BHIM) एप के आने के बाद हुई। लोगों को भीम एप के साथ कैशबैक जैसे कई तरह के ऑफर्स दिए गए। यूपीआई आधारित भीम एप को दिसंबर 2016 में लॉन्च किया गया था।

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नोटबंदी की तीसरी सालगिरह पर जानते हैं उन एप्स के बारे में जिनको नोटबंदी ने स्टार बना दिया हैं। जहां नोटबंदी की बात हो पेटीएम की चर्चा ना हो तो बड़ी बेईमानी होगी। नोटबंदी का अगर सबसे ज्यादा फायदा किसी डिजिटल वॉलेट/पेमेंट एप को हुआ है तो वह पेटीएम ही है।

वहीं नोटबंदी के बाद पेटीएम को लोगों ने हाथों-हाथ लिया। पेटीएम से धड़ाधड़ पेमेंट होने लगे, हालांकि आपको बता दें कि पेटीएम 2010 में लॉन्च हुआ था लेकिन उसे असली पहचान नोटबंदी ने दिलाई। पेटीएम ने अपने ग्राहकों को कई तरह के कैशबैक ऑफर दिए जिसका लोगों का फायदा भी मिला।

पेटीएम पहले सिर्फ एक डिजिटल वॉलेट था लेकिन बाद में इसे भी यूपीआई का सपोर्ट मिला और लोग पेटीएम के जरिए सीधे अपने बैंक अकाउंट से पेमेंट और पैसे ट्रांसफर करने लगे। गूगल प्ले-स्टोर से पेटीएम को अभी तक 10 करोड़ से भी अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। बता दें कि पेटीएम एक भारतीय कंपनी है और इसके फाउंडर विजय शेखर हैं।

देखा जाए तो पेटीएम को टक्कर देने वाला फ्रीचार्ज भी 2010 में ही लॉन्च हुआ था लेकिन इस एप को नोटबंदी का कुछ खास फायदा नहीं मिला। फ्रीचार्ज ने अपने डाउनलोडिंग के लिए कई तरह के ऑफर पेश किए जिनमें कैशबैक ऑफर भी शामिल था। हालांकि फ्रीचार्ज की हालत कुछ खास नहीं है। फ्रीचार्ज भी पेटीएम की तरह एक भारतीय कंपनी है।

दरअसल नोटबंदी से ठीक एक साल पहले फोनपे को लॉन्च किया गया था। फोनपे फ्लिपकार्ट के स्वामित्व वाली कंपनी है। इसके फाउंडर समीर निगम और राहुल चारी हैं। पेटीएम, फ्रीचार्ज और मोबिक्विक से बाद में बाजार में आने के बावजूद फोनपे ने अपनी अच्छी पकड़ बना ली है। फोनपे आज आपको हर दुकान और रेस्टोरेंट्स पर देखने को मिल जाएगा। फोनपे को भी यूपीआई का सपोर्ट मिला है।

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