जानिए क्यों 28 साल के तेजस्वी को मोदी और शाह ने दी इतनी बड़ी जिम्मेदारी, क्या इनका बैकग्राउंड

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आते ही इस बात का विश्वास दिलाया था कि अब देश युवाओं के हाथों में दिया जएगा। प्रधानमंत्री ने जो बातें कहीं थी उनपर अमल करना भी शुरू कर दिया।

यही कारण है कि पीएम मोदी ने जहां आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गजों को राजनीति से बाहर किया, तो वहीं 28 साल के युवा को मौका देकर बड़ा संदेश भी दिया है।

बीजेपी ने दक्षिणी बेंगलुरू से इस बार 28 साल के युवा तेजस्वी सूर्य को टिकट दिया है। हालांकि उनसे पहले इस सीट से भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, जिनका निधन हो गया, उनकी पत्नी को पार्टी टिकट देना चाहती थी।

लेकिन तेजस्वी समर्थकों ने हंगामा किया तो यह टिकट तेजस्वी सूर्य को दे दिया गया। इस सीट से तेजस्वी सूर्य को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन्होंने ट्विटर पर शानदार प्रतिक्रिया दी है।

युवा तेजस्वी सूर्य ने बीजेपी से टिकट मिलने के बाद ट्वीट कर बोले कि ‘ओह माई गॉड, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री और दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष ने 28 साल के युवा पर विश्वास किया है। यह सिर्फ बीजेपी में ही हो सकता है’। बताते चलें कि तेजस्वी भाजपा नेता के परिवार से ही आते हैं और वह एक आरएसएस नेता भी हैं।

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तेजस्वी एक अच्छे वक्ता के रूप में जाने जाते हैं, हालांकि उनके भाषणों पर ध्रुवीकरण का भी आरोप लगता रहा है। तेजस्वी का एराइज इंडिया के नाम से एक संगठन भी है।

जानकारी के मुताबिक वह भाजपा आईटी सेल से भी जुड़े हैं। वर्तमान में वह कर्नाटक हाईकोर्ट में वकालत भी कर रहे हैं। तेजस्वी का मुकाबला इस सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद से होगा। जो कि लगभग 2 दशक बाद इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

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