जानिए क्यों बंगाल में मुस्लिम छात्रों के लिए स्कूलों में अलग डाइनिंग रूम

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने एक दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिसके कारण वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निशाने पर आ गई है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य द्वारा संचालित जिन विद्यालयों में मुस्लिम छात्रों की संख्या 70 प्रतिशत से अधिक है वहां उनके लिए अलग डाइनिंग रूम बनाया जाएगा। इसके लिए सभी विद्यालयों से डाटा मांगा गया है।

सरकार के आदेश को लागू करने के लिए पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक मामले और मदरसा शिक्षा विभाग ने उन सभी सरकारी विद्यालयों की तुरंत सूची मांगी है जहां मुस्लिम छात्रों की संख्या 70 प्रतिशत से ज्यादा है।

कूचबिहार के जिला अधिकारी (अल्पसंख्यक मामलों) द्वारा जारी किए गए निर्देश में कहा गया है, ‘विशेष सचिव के 14/06/19 को लिखे पत्र के अनुसार पश्चिम बंगाल सरकार आपसे आग्रह करती है कि आप उन सरकारी, सरकारीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के 28 जून तक नाम भेजें जहां अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या 70 प्रतिशत से ज्यादा है। विभाग इन विद्यालयों में मिड डे मील के लिए अलग डाइनिंग रूम बनाने का प्रस्ताव देगा।’

28 जून तक विद्यालयों में अल्पसंख्यक छात्रों के प्रतिशत का उल्लेख करने वाले आंकड़ों के साथ राज्य-संचालित और राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों की सूची संकलित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी और स्कूलों के जिला निरीक्षक को सर्कुलर भेजा गया है।

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राज्य सरकार के इस कदम पर आपत्ति जाहिर करते हुए बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘धर्म के आधार पर छात्रों के बीच यह भेदभाव क्यों? क्या इस अलगाव के पीछे कोई और बदनियति है? क्या यह एक और साजिश है?’

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