जानिए किन 6 उपाय टैक्स फ्री बना सकती है कंपनी

सैलरीड टैक्सपेयर्स एंप्लॉयर की मदद से टैक्स छूट का ज्यादा-से-ज्यादा फायदा उठा सकते हैं। टैक्सस्पैनर के सुधीर कौशिक ने टैक्स बचत के छह उपायों की लिस्ट तैयार की है जिनकी मदद से टैक्सेबल इनकम में अच्छी-खासी कमी आ सकती है.

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यह किसी छुट्टी के दौरान यात्रा पर हुए खर्च का रीइंबर्समेंट होता है। चार सालों में दो बार एलटीए टैक्स फ्री होता है।

इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80CCD(2) के तहत अगर आपका एंप्लॉयर आपकी बेसिक सैलरी का 10% एनपीएस में जमा करता है, तो वह रकम टैक्स फ्री हो जाती है। यह 80CCC और 80CCD(1b) के तहत छूट के दायरे में आने वाली रकम के अतिरिक्त होती है।

अगर अपनी कार का व्यक्तिगत इस्तेमाल के साथ-साथ ऑफिस के कामों में इस्तेमाल करते हैं तो उसके इंश्योरेंस और मैंटनेंस के खर्च एवं ड्राइवर की सैलरी पर क्रमशः 1,600 रु. और 900 रु. का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। ध्यान रहे कि ईंधन का खर्च तभी रीइंबर्स होता है जब कार का इस्तेमाल ऑफिस पर्पस से किया गया हो।

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अखबारों, किताबों और मैगजीन्स पर किया गया खर्च अगर कंपनी से रीइंबर्स हो रहा है तो इस पर टैक्स बेनिफिट क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए बिल देने होंगे।

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