जानिए एक हफ्ते में हो जाएगा जेट एयरवेज के भविष्य का फैसला, ये है वजह…

नई दिल्ली : अगर सबकुछ ठीक रहा तो एक हफ्ते के भीतर जेट एयरवेज के भविष्य पर फैसला हो सकता है। वहीं भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने उम्‍मीद जताते हुए कहा, ”विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन किया जा रहा है। लेकिन कानूनी राय भी ली जा रही है। वहीं कई निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई है। लेकिन  हमें यह देखना है कि क्या उनके पास पैसे और साधन हैं। जहां मेरा मानना है कि एक सप्ताह के भीतर तस्वीर साफ हो जाएगी।  रजनीश कुमार का कहना है कि कुछ और भी निवेशकों ने भी पेशकश की है लेकिन उनकी गंभीरता परखनी होगी।

 

 

जेट एयरवेज

 

 

बता दें की एसबीआई की अगुवाई में जेट एयरवेज के कर्जदाता इस समय अपने 8,400 करोड़ रुपये के बकाये की वसूली के लिए एयरलाइन को बेचने की प्रक्रिया में जुटे हैं. इस नीलामी की प्रक्रिया में हिस्‍सा लेने के लिए प्राइवेट इक्विटी फर्म टीपीजी कैपिटल, इंडिगो पाटर्नर्स, नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) और एतिहाद एयरवेज की संक्षिप्त सूची बनाई गई थी। जहां  इन कंपनियों ने अपने एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट (ईओआई) पेश किए लेकिन अंतिम तिथि 10 मई को सिर्फ एतिहाद ने अपनी निविदा की पेशकश की हैं।

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देखा जाये तो इस बीच, जेट के अधिकांश शीर्ष स्तर के एग्जिक्यूटिव ने अपना इस्तीफा दे दिया है. निजी कारणों का जिक्र करते हुए इस्तीफा देने वालों में कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) और कंपनी सेक्रेटरी शामिल हैं। जहां इसके अलावा जेट एयरवेज के बोर्ड सदस्य यूएई स्थित एतिहाद एयरवेज के प्रतिनिधि रॉबिन कामार्क ने भी इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा 16 मई, 2019 से प्रभावी है।

 

लेकिन पैसों की कमी की वजह से जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपने परिचालन को अस्‍थायी तौर पर निलंबित कर दिया था। इसके बाद सैकड़ों कर्मचारी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में शामिल हो गए हैं। जेट के विमान भी धीरे-धीरे दूसरी कंपनियां खरीदने लगी हैं। जहां इन घटनाओं ने एयरलाइन के दोबारा से शुरू होने के बारे में अनिश्चितताओं को बढ़ा दिया है।

 

 

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