जानिए ‘आमों की मलिका’ की कहानी, जिसके लिए हर कीमत देने को तैयार हैं लोग

गर्मी के मौसम में लोग फलों में आम को सबसे ज्यादा पसंद करते है. फलों के राजा आम की कई किस्म दशहरी, चौसा, मल्लिका, केसर, लंगड़ा सहित लगभग 700 किस्मों के बीच एक आम भी है जो इन दिन चर्चाओं का विषय बना हुआ है. ऐसे ही एक आम होता है जिसे ‘आमों की मलिका’ कहा जाता है. ये आम बहुत ही खास होता है जिसे पाने के लिए लोग मुंह मांगी कीमत भी देते हैं.

Mango3

बात दें, ‘आमों की मलिका’ के रूप में मशहूर किस्म ‘नूरजहां’ के फलों का औसत वजन इस बार मौसम की मेहरबानी से बढक़र 2.75 किलोग्राम पर पहुंच गया है. यही वजह है कि आम की इस दुर्लभ किस्म के मुरीद इसके केवल एक फल के लिए 1,200 रुपए तक चुका रहे हैं. इसे खरीदने के लिए लोग हर कीमत देते हैं और इसे खाने का लाभ उठाते हैं.

अफगानी मूल की मानी जाने वाली आम की प्रजाति नूरजहां के गिने-चुने पेड़ मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाडा क्षेत्र में ही पाए जाते हैं. मध्य प्रदेश का यह इलाका गुजरात से सटा है.

जानकारी के अनुसार यह इंदौर से करीब 250 किलोमीटर दूर कट्ठीवाडा में इस प्रजाति की खेती के विशेषज्ञ इशाक मंसूरी ने बताया, ‘इस बार अनुकूल मौसमी हालात के चलते नूरजहां के पेड़ों पर खूब बौर (आम के फूल) आए और फसल भी अच्छी हुई.’

यूपी के अलग-अलग जिले से 24 घंटे में सात मुठभेड़, छह गिरफ्तार

उन्होंने बताया कि मौजूदा सत्र में नूरजहां के फलों का वजन औसतन 2.75 किलोग्राम के आस-पास रहा, जबकि गुजरे तीन सालों में इनका औसत वजन तकरीबन 2.5 किलोग्राम रहा था.  मंसूरी ने बताया कि पिछले साल इल्लियों के भीषण प्रकोप के चलते नूरजहां की फसल लगभग बर्बाद हो जाने से इसके मुरीदों को मायूस रहना पड़ा था. लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा.

LIVE TV