जानिए आज के दिन 5 साल पहले मोदी के आगे ध्वस्त हो गए थे ये विपक्ष के किले…

नई दिल्ली : साल 2014 के लोकसभा चुनाव में आज ही के दिन यानी 16 मई को देश ने मोदी नाम की ”सियासी सुनामी’ के “दर्शन” किए थे। जहां नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने सारे सियासी समीकरण और विपक्ष के दावे ध्वस्त करते हुए केंद्र की सत्ता हासिल की थी।  लेकिन तीन दशक के लंबे अंतराल के बाद देश ने बहुमत की सरकार बनते हुए देखा हैं।

मोदी

बता दें की 1984 के बाद यह पहला मौका था, जब इकलौती पार्टी अपने दम पर बहुमत से सरकार बनाने की हैसियत में आ पहुंची हैं। लेकिन इससे पहले देश गठबंधन राजनीति के जाल में उलझा हुआ था।

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जहां चुनाव के दौरान यूपीए के खिलाफ माहौल को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषकों को यह तो अनुमान था कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में बड़ी पार्टी के तौर पर उभरेगी मगर यह अंदाजा नहीं था कि बीजेपी अकेले दम पर बहुमत हासिल कर सकेगी। वहीं बीजेपी की इस बंपर जीत के साथ देश में आक्रामक ‘भगवा राजनीति’ का भी उदय हुआ हैं।

देखा जाये तो भारत में सोलहवीं लोकसभा के लिए आम चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई 2014 तक 9 चरणों में हुए। वहीं 2014 का लोकसभा चुनाव, देश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाला इलेक्शन था। जहां कुल नौ चरणों में वोट पडे. मतदाताओं ने भी खूब उत्साह दिखाया हैं। लेकिन बदलाव की उम्मीदों के साथ 66.38 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया हैं।

वहीं 16 मई को नतीजे भी चौंकाने वाले आए, जब 282 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी हैं। जहां इसी के साथ एनडीए के सीटों का आंकड़ा जहां 336 तक पहुंचा तो कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना करते हुए सिर्फ 44 सीटों से संतोष करना पड़ा हैं।

वहीं कांग्रेस नेतृत्व वाला गठबंधन (यूपीए) भी सिर्फ 59 सीटों तक ही पहुंच सका।  कांग्रेस की इस कदर हार हुई कि वह देश की मुख्य विपक्षी पार्टी बनने की भी हैसियत में नहीं रही। लेकिन दल बनने के लिए, किसी पार्टी को लोकसभा में 10 प्रतिशत यानी 54 सीटें हासिल करनी होती हैं।

दरअसल साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सर्वाधिक 282 सीटें मिलीं हैं। जहां कांग्रेस को 44, तमिलनाडु में एआईएडीएमके(अन्नाद्रमुक) को 37, ओडिशा में बीजद को 20 सीट हासिल हुई, इसी तरह  टीडीपी को 16, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को 34, महाराष्ट्र में शिवसेना को 18,  तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्रीय समिति(टीआरएस) को 11 सीटें मिलीं हैं।  लेफ्ट की बात करें तो सीपीआई(एम) के खाते में  नौ लोकसभा सीटें आईं हैं।

महाराष्ट्र में शरद पवार की एनसीपी को छह और समाजवादी पार्टी को यूपी में पांच सीटें मिलीं हैं। दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को पंजाब की चार लोकसभा सीटों पर जीत मिली हैं। जहां पंजाब में ही बीजेपी के सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल को पांच, वहीं यूपी में बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल को दो सीटें हासिल हुईं हैं।

नरेंद्र मोदी जनता की नब्ज पकड़ने में सफल रहे हैं। उन्होंने अच्छे दिनों और नए भारत का सपना रैलियों में दिखाया गया हैं।  16 मई को जब नतीजे आए तो सियासी पंडित भी हैरान रह गए और 30 वर्षों से गठबंधन सरकार चलने का चलन खत्म हुआ हैं। वहीं के नेतृत्व में एक बार फिर बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव में मैदान में है।  लाख टके का सवाल है, क्या बीजेपी 2014 का करिश्मा दोहरा पाएगी या नहीं?

 

 

 

 

 

 

 

 

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