जानिए आखिर क्यों AAPऔर कांग्रेस का नहीं हो सका गठबंधन

नई दिल्ली : दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन की सभी उम्मीदें अब लगभग खत्म ही हो गई हैं। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बयान देकर इसकी पुष्टि की हैं। जहां काफी लंबे समय से AAP की ओर से गठबंधन की कोशिशें की जा रही थीं लेकिन कांग्रेस नकार रही थी। लेकिन दोनों के बीच गठबंधन ना होने के कई कारण हैं, जिनमें पार्टियों में मतभेद, दोनों दलों में मेल ना खाना जैसे मुद्दे हैं।

कांग्रेस
बता दें की दिल्ली की 7 सीटों पर कांग्रेस अगर AAP से गठबंधन की चर्चा करती है तो आम आदमी पार्टी दिल्ली के साथ-साथ गोवा, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की भी बात कर सकती है। वहीं इसी से कांग्रेस को दिक्कत है. कांग्रेस आम आदमी पार्टी से सिर्फ दिल्ली में गठबंधन करना चाहती थी अन्य प्रदेशों में नहीं हैं।

महाराष्ट्र में पीएम मोदी का हमला , कांग्रेस नेताओं ने हिंदुओं को कहा आतंकवादी

देखा जाये तो AAP पहले से ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर ना सिर्फ जनता को वादा कर चुकी है बल्कि अपना प्रचार-प्रसार भी उसी के इर्द-गिर्द कर रही है।

कांग्रेस का कहना है कि यह मसला पेचीदा है, इस संदर्भ में पहले भी विचार मंथन हो चुका है और जल्दबाजी में जनता को हल्का वादा नहीं किया जा सकता हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी इससे पीछे हटने को तैयार नहीं है।

कांग्रेस को इस बात से भी आपत्ति है कि अरविंद केजरीवाल गठबंधन को लेकर मीडिया में लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. एक तरफ जहां कांग्रेस से बातचीत चल रही है तो दूसरी तरफ सार्वजनिक बयानों में वह कांग्रेस के माथे ही देरी का ठीकरा फोड़ के सहानुभूति बटोर रहे हैं।

दरअसल कांग्रेस के एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि लोकसभा चुनाव में पार्टी का सिर्फ एक मकसद है भाजपा को हराना, लेकिन आम आदमी पार्टी के हाव भाव से उसकी मंशा साफ नहीं है। यह साफ नहीं कि उसका दोस्त और दुश्मन कौन है। ऐसे में कांग्रेस के लिए आम आदमी पार्टी पर भरोसा करना मुश्किल हो रहा है।

LIVE TV