जानिए , अमेरिका ने की थाड मिसाइल डिफेंस सिस्टम की पेशकश…

संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूसी एस-400 के विकल्प के रूप में भारत को टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (टीएचएएडी) और पैट्रियट एडवांस कैपेबिलिटी (पीएसी-3) की पेशकश की है। भारत सालों तक चले बातचीत के बाद रूस से अत्याधुनिक एस-400 मिसाइल के खरीद के लिए समझौता कर चुका है।

मिशाइल

बता दें की ट्रम्प प्रशासन ने रूस के साथ हथियार खरीद को लेकर अभी कोई फैसला नहीं किया है कि वह भारत पर ‘काट्सा’ को लगाएगा कि नहीं। इस प्रतिबंध के लगने से भारत की सामरिक और आर्थिक शक्ति प्रभावित होगी।

 

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वहीं माना जाता है कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के साथ पिछले साल सितंबर में नई दिल्ली में हुई 2+2 बैठक के दौरान एस-400 को लेकर बात हुई थी। जिसमें इस समझौते पर अमेरिकी प्रतिबंधों को न लगाने को लेकर सहमति बन गई थी।

 

लेकिन अब तुर्की और सऊदी अरब द्वारा भी इस मिसाइल को खरीदने की संभावना को देखकर अमेरिका किसी भी देश को प्रतिबंधों में छूट देने से इनकार कर सकता है। अमेरिकी थाड मिसाइल रक्षा प्रणाली के प्रत्येक इकाई की अनुमानित कीमत लगभग तीन बिलियन डॉलर है। सऊदी अरब ने नवंबर में 44 थाड लांचर और मिसाइल खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था।

 

जहां इसकी प्रत्येक बैटरी 6 लांचर्स के साथ आती है। जिसकी कीमत 15 बिलियन डॉलर है। जबकि रूस से खरीदे जा रहे एस-400 के पांच यूनिट के लिए भारत 5.4 बिलियन डॉलर का भुगतान करेगा। इसके प्रत्येक यूनिट में आठ लांचर्स होंगे।

अमेरिका द्वारा भारत को थाड मिसाइल सिस्टम और पीएसी-3 सिस्टम खरीद के लिए किए गए ऑफर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने औपचारिक प्रस्ताव की पुष्टि या खंडन करने के अनुरोध के जवाब में कहा, “हम सार्वजनिक रूप से प्रस्तावित रक्षा बिक्री की पुष्टि नहीं करते हैं या तब तक पुष्टि नहीं करते हैं जब तक कि उन्हें औपचारिक रूप से कांग्रेस को सूचित नहीं किया जाता है।”

दरअसल कुछ दिन पहले ही भारत के रक्षा सचिव संजय मित्रा के नेतृत्व में वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों की एक टीम रूस दौरे पर गई थी। जहां उन्होंने रक्षा सौदे का भुगतान के लिए उपयोग में लाए जाने वाले चैनल पर बातचीत की। अमेरिकी प्रतिबंध के कारण भारत डॉलर में पूरी राशि का भुगतान रूस को नहीं कर सकता है। इसके लिए अलग-अगल प्रणाली से भुगतान करने की योजना बनाई जा रही है।

 

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