हिंदू पलायन पर सब मौन, जांच करेगी भाजपा की आठ सदस्यीय समिति

 जांच समिति लखनऊ। सुरक्षा के लिहाज से कैराना से हिदुओं का पलायन का मुद्दा अब सुर्ख़ियों का विषय बना हुआ है। सुर्ख़ियों में आने के बावजूद शामली प्रशासन की पलायन के मामले पर चुप्पी अभी भी बरकरार है। शासन के गोपनीय रिपोर्ट तलब करने पर स्थानीय खुफिया इकाई इस मामले में भाजपा की ओर से जारी की गयी सूची का भौतिक सत्यापन करने में जरूर जुट गयी है। दूसरी ओर भाजपा ने इस मामले में आठ सदस्यीय जांच समिति गठित कर सियासी गर्माहट को जरूर बढ़ा दिया है।

जांच समिति 15 जून को पहुंचेगी कैराना

जांच समिति 15 जून को कैराना पहुंचेगी। जाहिर है उत्तर प्रदेश में कैराना का मामला चुनावी रणनीति का हिस्सा बन सकता है।
पिछले दिनों भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर कैराना में बड़े स्तर पर हिंदुओं के पलायन की बात कही थी। प्रशासन ने इसे केवल एक नेता का बयान बताकर पलायन को ही नकार दिया था।

इसके एक सप्ताह बाद ही सांसद ने साढ़े तीन सौ परिवारों की सूची सार्वजनिक कर दी। सांसद ने दावा किया कि इन हिंदू परिवारों के 1200 से 1500 लोग कैराना छोड़कर चले गए। मुस्लिम बहुल कस्बा कैराना में रंगदारी से लेकर बदमाशों के आतंक और अत्याचारों के तमाम आरोप सांसद ने लगाते हुए कहा था कि कैराना के हालात कश्मीर जैसे हो गए हैं। मुद्दा उछला तो स्थानीय मीडिया से होता हुआ राष्ट्रीय मीडिया में छा गया।
जांच समिति में पूर्व डीजीपी ब्रजलाल समेत कई दिग्गज

भाजपा की आज प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे पर चिंतन हुआ। प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक कटारिया ने बताया कि भाजपा नेतृत्व कैराना के मुद्दे को लेकर बेहद गंभीर है और अध्यक्ष के आदेश पर आठ सदस्यीय जांच समिति का गठित कर दी है। समिति में भाजपा विधायक सतीश महाना, सांसद डा. भोला सिंह, सतीश गौतम, सांसद लखनपाल सिंह, सतपाल सिंह, पूर्व डीजीपी ब्रजलाल, राजेंद्र दास अग्रवाल हैं। जांच समिति का नेतृत्व विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना तथा सचेतक राधा मोहनदास अग्रवाल करेंगे। समिति 15 जून को कैराना पहुंचेगी। इस मामले के बड़ा आकार लेते जाने के बावजदू जिला प्रशासन आधिकारिक रूप से चुप्पी साधे है। प्रशासन का एक ही रटारटाया जवाब है कि उसे पलायन के न तो सबूत मिले हैं और न शिकायत।

कैराना पर सपा, बसपा और कांग्रेस क्यों मौन

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने शामली जिले के कैराना मामले पर आज सीएम को कठघरे में खड़ा किया और कहा कि क्या कैराना से पलायन कर रहे परिवारों का अपराध केवल हिंदू होना है। इस मामले में सपा, बसपा और कांग्रेस क्यों मौन है। क्या कैराना में रह रहे हिंदुओं को वहां रहने का अधिकार नहीं है। क्या सीएम को इस बात की जानकारी है। उल्लेखनीय है कि कैराना कस्बे तथा आसपास के लोग एक समुदाय की दबंगई के चलते 346 परिवार पलायन कर गये। क्या पिछले तीन वर्षों से कैराना में व्यापारियों से रंगदारी मांगी जा रही है। रंगदारी न देने पर हत्या हो चुकी है। हिंदू परिवार क्यों पलायन कर गये। जांच दल कैराना जाएगा। शामली के कैराना में एक समुदाय विशेष के आतंक है। इस कारण यहां से पलायन हो रहे हैं। सपा सरकार ने इसका संज्ञान नहीं लिया है।

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