नाले की सफाई के दौरान दो कर्मचारियों की जहरीली गैस से मौत

नमामि गंगे परियोजना के तहत बाबूपुरवा अजीतगंज में हो रही नाले की सफाई के दौरान मंगलवार देर रात जहरीली गैस की चपेट में आने से दो निजी सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई। हैलट में भर्ती तीसरे सफाई कर्मचारी की हालत गंभीर है। ये कर्मचारी एक ठेकेदार के अंडर में काम कर रहे थे।
बुधवार को पोस्टमार्टम हाउस में मृतकों के परिजनों ने ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया। कहा कि ठेकेदार ने बगैर सुरक्षा उपकरण के ही कर्मचारियों को नाले में उतार दिया। तात्याटोपे नगर निवासी सतीश सचान व पुनीत सचान की एसएस इंटरप्राइजेज नाम से फर्म है।

 जहरीली गैस से मौत
नमामि गंगे परियोजना के तहत बाबूपुरवा में नाले की हो रही थी सफाई
मामि गंगे परियोजना के तहत नाले की सफाई का काम इसी फर्म को आवंटित है। कंपनी के सुपरवाइजर अमित सिंह के मुताबिक मंगलवार देर रात करीब 12 बजे ठेकेदार छोटेलाल अजीतगंज में 17 फीट गहरे नाले की सफाई करवा रहा था। बर्रा-8 निवासी कल्लू (28), गुजैनी ई-ब्लाक निवासी रॉबिन (22) समेत धन्नू, नयनचून, सूरज, इमरान, दीपक व राहुल इस काम में लगे थे।

नाले की सफाई के बाद ठेके दार ने रोका (पानी रोकने के लिए बनाया गया बंधा) हटाने को कहा। कल्लू ने नीचे उतरकर जैसे ही रोका हटाया, पानी के साथ-साथ गैस भी तेजी से निकल पड़ी। इसकी चपेट में आते ही कल्लू बेहोश होकर नाले में ही गिर गया। उसे बचाने के लिए रॉबिन और राहुल भी नाले में उतर गए। ये दोनों भी बेहोश हो गए।

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जहरीली गैस के चपेट में आने से बेहोश होकर नाले में ही गिरे
इसके बाद ठेकेदार ने अन्य मजदूरों को बुलाकर किसी तरह तीनों को बाहर निकाला। तीनों को पहले एक निजी अस्पताल ले जाया गया, यहां से उन्हें हैलट भेज दिया गया। डॉक्टर ने कल्लू और रॉबिन को मृत घोषित कर दिया। वहीं राहुल की हालत नाजुक बनी हुई है।

अपनी आंखों के सामने साथी कल्लू को मरता देख रॉबिन और राहुल से रहा नहीं गया। ये दोनों भी अपनी जान की परवाह किए बगैर नाले में उतर गए। हालांकि गैस की चपेट में आने से ये दोनों भी बेहोश हो गए। बाद में अस्पताल में कल्लू के साथ ही रॉबिन की भी मृत घोषित कर दिया गया।

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