मथुरा के कंस का शव लेने से अपनों का इनकार

जवाहरबाग हिंसागाजीपुर: मथुरा में जवाहरबाग हिंसा के गुनाहगार रामवृक्ष यादव को यूपी पुलिस उसके जिन्दा रहते तो सज़ा नहीं दे पाई लेकिन मरने के बाद उसके गाँव वालों से ही उसे सज़ा मिली है। गांववालों ने उसका शव लेने से इंकार कर दिया है। परिजनों के शव लेने से इनकार करने के बाद पुलिस ने रामवृक्ष के साथ उसके 17 और साथियों का अंतिम संस्कार कर दिया।

मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने इस आशय का पत्र गाजीपुर भेजा था। पुलिस के अनुसार, गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रामकिशोर को मथुरा एसएसपी की तरफ से पत्र भेजा गया था। पत्र में कहा गया है कि उसका शव लेने के लिए बाघपुर गांव से ग्रामीणों और परिजनों को यहां भेजा जाए।

जवाहरबाग हिंसा का मुजरिम

एसपी के निर्देश पर थाना प्रभारी (मरदह) दुर्गेश्वर मिश्रा ने सोमवार को गांव जाकर ग्रामीणों और ग्राम प्रधान से संपर्क किया। ग्रामीणों और प्रधान ने शव मथुरा से लाने से इनकार कर दिया। थाना प्रभारी ने बताया की उन्होंने ग्रामीणों से हुई बात की रिपोर्ट बनाकर एसपी को भेज दी है।

गाजीपुर के अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अनिल सिसोदिया ने बताया की ग्रमीणों के शव लेने जाने से इनकार कर देने पर एसपी के माध्यम से रिपोर्ट मथुरा के एसएसपी को भेज दी गई है।

मथुरा के जवाहरबाग में गुरुवार को हुई हिंसा में 24 लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे। इसमें दो पुलिस अधिकारी भी शहीद हो गए।

इस कांड का मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव भी पुलिस के साथ हुई गोलीबारी में मारा गया था। डीजीपी ने रविवार को ट्वीट कर उसकी मौत की पुष्टि की थी। इसके बाद अब उसके गांव वालों ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया है।

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