सांडों पर काबू पाने वाले खेल के समर्थन में उग्र हुए लोग, PM से मिलेंगे सीएम पन्नीरसेल्वम

जल्लीकट्टूचेन्नई: तमिलनाडु में बैल पर काबू पाने के बेहद लोकप्रिय पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू के आयोजन पर लगे प्रतिबंध को हटाने और पशु अधिकार संगठन ‘पेटा’ पर प्रतिबंध की मांग में लगातार तीसरे दिन बुधवार को उग्र जनप्रदर्शन जारी रहा।

लोगों की नाराजगी बढ़ती देख राज्य के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने इस मामले में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने का फैसला किया है।

यहां तक कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम द्वारा प्रदर्शन खत्म करने के अनुरोध को भी ठुकरा दिया। न्नीरसेल्वम ने लोगों से वादा किया है कि वह व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अध्यादेश लागू कर जल्लीकट्टू मनाने की इजाजत देने के लिए कहेंगे।

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समुद्रतट पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वह इस पारंपरिक खेल को जारी रखने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे, लेकिन प्रदर्शनकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।

प्रदर्शनकारियों की आम शिकायत है कि सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिबंध लगाकर तमिलनाडु की संस्कृति का अपमान किया है।

प्रदर्शनकारियों के प्रति समर्थन बढ़ता जा रहा है। यहां एसआरएम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने उनके समर्थन में अपने संस्थान के बाहर प्रदर्शन करने की घोषणा की है।

नमक्कल जिले में वकीलों ने अदालतों का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

राज्य के दो मंत्रियों से वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाने के बाद सैकड़ों कॉलेज छात्र और अन्य युवा अपनी मांग को लेकर मंगलवार रातभर मरीना बीच पर बैठे रहे। मारीना बीच पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को शुरू में खाने-पीने की चीजों की समस्या आई। लेकिन सोशल मीडिया पर अपील जारी करने के बाद आम कार्यकर्ता उन तक खाने के पैकेट पहुंचाने लगे।

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प्रदर्शनकारियों को खाने के पैकेट वितरित करने वाले एक कार्यकर्ता ने कहा, “मैंने खाने के पैकेट लेकर मारिना बीच के कई चक्कर लगाए। हमने हर बार करीब 2,500 इडली वितरित किए।”

पुलिस द्वारा मरीना बीच की बिजली आपूर्ति बंद कर देने के बावजूद रातभर मोबाइल की रोशनी के सहारे प्रदर्शन जारी रहा।

मदुरै जिले के अलंगनाल्लुर में बैल पर काबू पाने के बेहद लोकप्रिय पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन करने वालों की गिरफ्तारी की खबर फैलने के बाद यहां मंगलवार सुबह से ही प्रदर्शन शुरू हो गया। अलंगनाल्लुर में जल्लीकट्टू के समर्थन में सोमवार को लोगों ने प्रदर्शन किया था।

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष और तमिलनाडु में विपक्ष के नेता एम. के. स्टालिन ने मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम से प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करने और जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

प्रदर्शनकारियों को लोकप्रिय अभिनेता विजय के समर्थन से भी बल मिला है।

विजय ने एक वीडियो संदेश में कहा, “कानून लोगों से उनकी परंपराएं और अधिकार छीनने के लिए नहीं बनाया गया है, बल्कि उसकी रक्षा के लिए बनाया गया है। जल्लीकट्टू हर तमिल की पहचान है। मैं जल्लीकट्टू के प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को सलाम करता हूं।”

अभिनेता सूर्या ने भी पेटा की आलोचना की है, जो जल्लीकट्टू के खिलाफ अभियान चला रहा है।

इसी प्रकार अभिनेता जी. वी. प्रकाश, गायक और गीतकार अरुणराजा कामराज और फिल्मकार कार्तिक सुब्बाराज भी मंगलवार को प्रदर्शनकारियों के समर्थन में खड़े हो गए।

प्रकाश और अरुणराजा ने चेन्नई में मरीना बीच पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और कार्तिक ने मदुरै में प्रदर्शनकारियों की भीड़ का नेतृत्व किया।

जल्लीकट्टू पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ सोमवार को मदुरै के अलांगनाल्लुर में हजारों युवकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन रातभर जारी रहा, जिस दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

पुलिस ने जल्लीकट्टू का आयोजन करने के लिए मशहूर इस कस्बे में एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों को नजदीकी विवाह सभागारों में नजरबंद रखा गया।

इन गिरफ्तारियों से गुस्साए ग्रामीण अलंगनाल्लुर में सड़कों पर उतर आए।

सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के आयोजन पर मई 2014 में रोक लगा दी थी। इसके बाद से ही लोग केंद्र सरकार से जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए जरूरी कानूनी कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

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