जल्द सभी बैंक बंद कर देंगी अपना ATM, मोदी और RBI का क्या है ये प्लान ?…

अब आपको पैसे निकालने के लिए ATM तक नहीं जाना होगा. डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से RBI एक नये प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है.

वहीं देश की मोदी सरकार भी डिजिटल पेमेंट को घर-घर तक पहुंचाने की मुहिम में जुटी है. ऐसे में इस नई पहल से लोगों को ATM की कमी नहीं खलेगी.

दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में RBI को छोटे शहरों में दुकानदारों के जरिए कैश आपूर्ति की सिफारिश की है.

नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता में गठित समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि सेमी अर्बन शहरों में छोटे व्यापारियों के जरिये कैश निकासी की सुविधा शुरू की जा सकती है. यानी सबकुछ ठीक रहा तो आप अपने घर के पास किराने के स्टोर्स से भी कैश निकाल पाएंगे.

कैश इन कैश आउट (CICO) नेटवर्क नाम से इस नई व्यवस्था में लोग किराना स्टोर पर जाकर पैसे निकाल पाएंगे. समिति का मानना है कि इससे ATM पर बोझ कम पड़ेगा और ATM बंद होने की स्थिति में भी लोग आसानी से पैसे निकाल पाएंगे.

नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि ATM का रख-रखाव महंगा होने की वजह से कई बैंक इन्हें बंद कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में कैश संकट से निपटने के लिए CICO योजना मददगार साबित होगी.

 

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समिति का कहना है कि जब लोगों अपने घर के बगल में किराने की दुकान से पैसे मिलने लगेंगे तो आसानी से डिजिटल पेमेंट की राह पर चलेंगे. और डिजिटल इंडिया के सपने को सकार करेंगे.

 

कैसे करेगा काम

लोग अपने नजदीकी किराना स्टोर्स पर जाकर डिजिटल मनी को कैश में बदलवा सकेंगे. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कोटक महिंद्रा बैंक के मुख्य डिजिटल अधिकारी ने कहा कि CICO मॉडल कैश आउट सुविधाओं के लिए तीन करोड़ PoS मशीन के रिटेल प्वाइंट की जरूरत होगी. इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में लोकल किराना व्यापारियों का अहम रोल होगा.

समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि अब देश के अधिकतर बैंक डेबिड और क्रेडिट कार्ड के लिए PoS मशीन पर फोकस कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक नई व्यवस्था के बाद ATM प्राइमरी सोर्स जैसा ही इस्तेमाल किया जाएगा. व्यापारी कैश जमा करने और लोग जरूरत के हिसाब से कैश निकालने में एटीएम का उपयोग कर सकेंगे.

लेकिन किराना स्टोर्स से जहां से लोग PoS मशीन के जरिये पैसे निकालेंगे वह एक तरह ग्राहक सेवा केंद्र बन जाएगा. इसके अलावा RBI की इस समिति ने बैंकों को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) या बैंक को लेन-देन के लिए भुगतान करने की सिफारिश की है.

दरअसल डिजिटल पेमेंट पर फोकस करते हुए बैंकों ने पिछले एक साल में 6.4 लाख PoS मशीनें वितरित की हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर अब छोटे व्यापारी भी यह मशीन रखने लगे हैं.

इसी मशीन के जरिए लोग अपने कार्ड को स्वैप कर दुकानदार से कैश ले सकेंगे. इस सुविधा को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए इसे क्यूआर कोड और आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा.

समिति की मानना को स्थानीय व्यापारी को हर दिन कारोबार के बाद अभी रकम जमा कराने के लिए बैंक का रुख करना पड़ता है. लेकिन इस नई सुविधा के लागू हो जाने से व्यापारी उसी रकम को कैश निकालने आए ग्राहकों को उपलब्ध करा देंगे, जिससे समय का बचत होगा.

इन नई पहल से दुकान से बैंक और फिर बैंक से एटीएम तक नकदी ले जाने में होने वाला खर्च भी बचेगा. इसका फायदा दुकानदारों को पीओएस के जरिए होने वाले अन्य भुगतान में सर्विस चार्ज कम करके दिया जा सकता है.

गौरतलब है कि ATM के रख-रखाब पर ज्यादा खर्च होने की वजह से बैंक लगातार ATM बंद कर रहे हैं. पिछले एक साल में 49 में 30 बैंकों ने अपने ATM की संख्या में कटौती कर दी है.

RBI की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में करीब 1000 ATM पर ताला लटक चुके हैं. ऐसे में PoS पर बैंक भी फोकस कर रहे हैं.

 

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