कावेरी के लिए मोदी से मिलीं जयललिता

जयललिता  नई दिल्ली| तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन, कर्नाटक को कावेरी नदी पर एक नए बांध का निर्माण करने से रोकने और जीएसटी आंकड़े पर तमिलनाडु के सुझाव स्वीकार करने जैसी मांगें शामिल हैं। मई के विधानसभा चुनाव और फिर से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने के बाद जयललिता ने पहली बार मोदी से मुलाकात की। बैठक के दौरान उन्होंने मोदी को 94 पृष्ठों का ज्ञापन सौंपा।

जयललिता ने की रिहाई की मांग

अन्य मांगों में श्रीलंका को सौंपे गए टापू काचाथीवु को फिर से हासिल करने, मद्रास उच्च न्यायालय में तमिल को आधिकारिक और कामकाज की भाषा बनाने जैसी बातें शामिल हैं। ज्ञापन में तमिलनाडु के मछुआरों की सुरक्षा और श्रीलंका में गिरफ्तार मछुआरों की नौका सहित रिहाई की मांग भी की गई है।

नदियों के पानी के मुद्दे पर तमिलनाडु सरकार ने नदियों को जोड़ने, कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन और मुल्लापेरियार बांध के जल भंडारण का स्तर बढ़ाकर 152 फुट करने की मांग की गई है। राज्य ने कुडनकुलम में दूसरी 1,000 मेगावाट परमाणु बिजली इकाई की स्थापना की जल्द शुरुआत की भी मांग की है।

जयललिता ने पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर के दायरे से मुक्त रखे जाने की मांग करते हुए 14वें वित्त आयोग द्वारा राज्य के साथ प्रतिकूल व्यवहार के लिए मुआवजे की मांग भी की है। जयललिता ने कहा है कि तमिलनाडु को संयुक्त चिकित्सा प्रवेश परीक्षा से छूट दी जाए और जलिकट्ट पर लगा प्रतिबंध हटाया जाए। ज्ञापन में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिट्टी के तेल की पर्याप्त आपूर्ति किए जाने और चेन्नई एवं अन्य इलाकों में बाढ़ राहत कार्यो के लिए धन जारी करने की भी मांग की गई है।

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