जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल लोकसभा से पारित, देखिए क्या है इसमें खास

नई दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल को मंजूरी दे दी गई है। सदन में बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले कश्मीरियों की दिक्कतों के बारे में जिक्र करते हुए इस बिल को काफी अहम बताया। इसके साथ ही सदन में कश्मीर में राष्ट्रपति शासन 6 महीने के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।

जम्मू कश्मीर आक्षण संशोधन बिल को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस पर लाए गए विपक्ष के किसी संशोधन को सदन में मंजूरी नहीं मिली।

कांग्रेस के गृहमंत्री से सवाल
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी अमित शाह से पूछा कि आज शहीदों की तादाद पहले से ज्यादा बढ़ी है तो ऐसे में आपकी कश्मीर नीति हमसे ज्यादा सफल कैसे हो गई। उन्होंने कहा कि आज लोकल आतंकियों की तादाद बढ़ी है, कश्मीरी पंडितों के बारे में सरकार की क्या नीति है, दाऊद को आपकी सरकार कब पकड़ कर ला रही है।

गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में धारा 370 अस्थाई तौर पर लगाया गया है और यह स्थाई नहीं है। यह शेख अब्दुल्ला साहब की सहमति से हुआ है। शाह ने कहा कि कश्मीर को लेकर हमारी अप्रोच में कोई बदलाव नहीं हुआ है जो पहले था वह आगे भी रहेगा। अमित शाह ने कि दोनों बिल कश्मीर की भलाई के लिए हैं और इन्हें सदन से पारित कराना चाहिए।

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अमित शाह ने कहा कि आज सरकार कश्मीर के लोगों को अधिकार दे रही है और अब तीन परिवारों के पास से निकलकर जनता तक अधिकार जा रहे हैं। शाह ने कहा कि हमने चुनाव में खून की नदियां बहती देखी हैं लेकिन कश्मीर में पंचायत और लोकसभा के चुनाव शांति के माहौल में हुए।

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