जमीन संबंधी विवाद को लेकर सोनभद्र में खूनी संधर्ष हुआ तेज, 78 लोगों पर केस दर्ज

कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में बुुधवार को जमीन संबंधी विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष में पुलिस ने 28 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। एडीजी बृजभूषण के मुताबिक अब तक मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त भोर्तिया समेत 25 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और दो बंदूकें बरामद हुई हैं। छह ट्रैक्टर भी कब्जे में लिए गए हैं। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें रवाना कर दी गई हैं। खूनी संघर्ष में 10 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के रिपोर्ट तलब करने के बाद से अधिकारी बिंदुवार मामले की जांच करते दिखे।
जमीन संबंधी

उधर, लखनऊ स्थित प्रदेश अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग ने आरोपियों पर रासुका के तहत कार्रवाई करने को कहा है। आयोग के उपाध्यक्ष मणि कौल व सदस्य रामसेवक खरवार की दो सदस्यीय टीम बृहस्पतिवार को मौके पर पहुंची। आयोग के अध्यक्ष पूर्व डीजीपी बृजलाल ने कहा है कि इस कांड में पुलिस व प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है। उन्होंने परिक्षेत्र के डीआईजी को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में जांच कर दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।

मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने के निर्देश
आयोग अध्यक्ष बृजलाल ने कहा है कि इस घटना में लोक व्यवस्था पूरी तरह से भंग हुई है। लिहाजा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत अभियुक्तों को निरुद्ध करने की तैयारी कर ली जाए, जिससे जमानत होने की दशा में उन्हें रासुका में निरुद्ध किया जा सके। आयोग ने मामले का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने के निर्देश दिए हैं।

राजस्व परिषद ने डीएम से तलब की रिपोर्ट

राजस्व परिषद ने इस मामले में जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। इसके अलावा शुक्रवार को प्रदेश भर के अपर जिलाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। इसमें सोनभद्र जैसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए विशेष दिशा-निर्देश देने की तैयारी है। सूत्रों ने बताया कि परिषद के चेयरमैन प्रवीर कुमार ने बृहस्पतिवार को सुबह सोनभद्र के डीएम अंकित कुमार अग्रवाल से लंबी बात की। उन्होंने प्रकरण में स्थानीय प्रशासन की भूमिका की गहराई से पड़ताल करने और उसमें यदि राजस्व प्रशासन का कोई अधिकारी दोेषी है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके अलावा यह भी देखने को कहा गया है कि यदि प्रकरण में भू राजस्व नियमों की किसी तरह की विसंगति सामने आई है तो उसके निराकरण के संबंध में प्रस्ताव उपलब्ध कराएं।
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प्रदेश में पांच वर्ष से अधिक समय के 77 हजार मामले लंबित
प्रदेश में भूमि विवाद से जुड़े राजस्व वाद अभी भी बड़ी संख्या में लंबित हैं। परिषद ने पांच वर्ष से अधिक समय से लंबित भूमि विवाद से जुड़े राजस्व मामलों के निस्तारण की पड़ताल की तो पता चला कि 77,377 मामले लंबित हैं। इनमें बलिया जिले व लखनऊ मंडल की स्थिति सबसे खराब है।

दस घंटे मान मनौव्वल, गांव भेजे गए शव

खूनी संघर्ष में मारे गए आदिवासियों के शवों को गांव में ही दफनाने के मुद्दे पर ग्रामीणों और प्रशासन के बीच घंटों वार्ता चली। ग्रामीण गांव में शव दफनाने पर अड़े थे, तो प्रशासनिक अमला हिंदुआरी में अंतिम संस्कार कराने पर जोर देता रहा। दस घंटे तक कई दौर की बातचीत के बाद प्रशासन शवों को गांव में दफनाने के लिए तैयार हुआ। इससे पहले ग्रामीणों का कहना था कि जब तक प्रदेश का कोई मंत्री या अधिकारी आकर जान गंवाने वाले लोगों के आश्रितों को जमीन देने की घोषणा नहीं करेगा, तब तक वे शवों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
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बंदूक छीनने के बाद बात बढ़ी
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि जोताई के समय दोनों पक्षों में तनातनी हो रही थी। तभी जोताई का विरोध कर रहे लोगों की तरफ से किसी ने प्रधान पक्ष के एक व्यक्ति से डबल बैरल बंदूक छीन ली। इसको लेकर बात इतनी बढ़ी कि गोलियां चलने लगीं। वहीं घटना को लेकर लोगों में इस कदर आक्रोश था कि यूपी 100 पुलिस वहां पहुंची तो लोग उन पर टूट पड़े। पुलिसकर्मी किसी तरह बचते हुए तीन घायलों को लेकर सीएचसी घोरावल पहुंचे। बाद में कई थानों और दूसरे जनपदों की पुलिस पहुंची तब स्थिति नियंत्रित हुई।

गोलियां मारने से जी नहीं भरा तो लाठियों से पीटा
चश्मदीदों से बृहस्पतिवार को कोतवाली में बात की गई तो उनका कहना था कि लाशें गिरती रहीं और वे बेबस होकर आंसू बहाते रह गए। गोली मारने से जी नहीं भरा तो हमलावरों ने लोगों की लाठी-डंडे से भी बेरहमी से पीटा। कुछ की पिटाई तब तक की गई, जब तक उनका दम नहीं निकल गया। पुलिस समय से आ गई होती तो कई जनों की जान बच जाती।

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