जब सपा-बसपा गठबंधन की संयुक्त रैली में मंच पर चढ़ने से पहले अजीत सिंह से कहा गया “पहले आप जूते उतारिए”

नई दिल्ली। सपा-बसपा-आरएलडी की देवबंद में पहली संयुक्त रैली हो रही थी। मायावती और अखिलेश के साथ मंच साझा करने के लिए RLD प्रमुख चौधरी अजीत सिंह जैसे ही मंच पर चढ़ने लगे, उन्हें शर्मिंदा होना पड़ा।

हुआ यूं कि जब अजीत सिंह मंच पर चढ़ रहे थे तो बसपा के एक को-ऑर्डिनेटर ने अजीत सिंह से कहा कि पहले आप अपने जूते उतारिए फिर मंच पर जाइए। सबके सामने जूते उतारने के फरमान को सुन पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजीत सिंह शर्मिंदा तो हुए लेकिन गठबंधन की मजबूरियों को देखते हुए खामोश रहे। फिलहाल उन्होंने जूते उतार दिए जिसके बाद उन्हें मंच पर जाने का रास्ता मिला।

सत्ता सुख की लालसा ऐसी है कि अजीत सिंह अपने अपमान के साथ भी गठबंधन से चिपके हुए हैं लेकिन सवाल उठता है कि अजीत सिंह की राजनीतिक पकड़ क्या इतनी ढीली पड़ गई है कि दूसरे दलों को सामने उन्हेंं इतना झुकना पड़ रहा है।

वैसे मायावती के बारे में कहा जाता है कि उनके अपने नियम होते हैं। लोग कहते हैं कि मायावती चाहती हैं कि मंच पर उनके अलावा कोई और पदवेश धारण नहीं करे। यहां तक कि जब वो CM थीं तो कोई भी मंत्री या अफसर उनसे मिलने जाता तो वो पहले अपने जूते उतारता फिर ऑफिस में एंट्री करता था।

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फिलहाल अखिलेश यादव के लिए भी मायावती ने कोई अलग से नियम नहीं बनाया होगा लेकिन मोदी को हराना है तो हर अपमान को सम्मान समझना होगा और गठबंधन का हिस्सा बने रहना होगा।

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