जन औषधि केंद्रों में मिलेंगी ब्रांडेड कंपनियों की जेनेरिक दवाएं

जन औषधि केंद्रोंलखनऊ। अब प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर नामचीन कंपनियों की जेनेरिक दवाएं भी मिलेंगी। अभी तक सिर्फ तय सरकारी व चुनिंदा कंपनियों की दवाएं ही केंद्र पर बेची जा सकती थीं। इस आदेश के बाद मरीजों को दवाओं के लिए एक से दूसरे मेडिकल स्टोर पर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मरीजों को सस्ती दर पर जेनेरिक दवाएं मिलेंगी। यूपी में करीब 100 जन औषधि केंद्र खोले जाने हैं।

खाद्य एवं औषधि प्रसाधन विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर संजय यादव ने बताया कि लखनऊ में 12 केंद्र खोलने के लिए लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। मानकों को परखने के बाद लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं।

दवाओं की संख्या बढ़ेगी

योजना के तहत इन मेडिकल स्टोर पर 495 तरह की दवाएं, 154 ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले उपकरण व वस्तुएं शामिल हैं। दवा कारोबारियों का कहना है कि बीमारी बढ़ रही हैं। नई दवाएं व ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाला सामान की संख्या बढ़ रही है। सीमित दवाओं से योजना प्रभावित हो रही थी। मरीजों को आधी-अधूरी दवाएं ही मिल पा रही थीं। मरीजों को दुश्वारियों से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने जन औषधि केंद्र नामचीन कंपनियों की जेनेरिक दवाओं की बिक्री को भी मंजूरी दे दी है। अब बड़ी कंपनियों की जेनेरिक दवाएं भी केंद्रों पर उपलब्ध होंगी। जेनेरिक दवाएं भी गंभीर बीमारियों में कारगर हैं।

ये हैं जेनेरिक दवाएं

जेनेरिक दवाएं नामी कंपनियों से करीब 65 से 70 फीसद तक सस्ती होती हैं। ये भी ब्राइडेंड दवाओं की तरह मर्ज पर असर करती हैं। नामचीन कंपनियों कमाई के लालच में जेनेरिक दवाएं कम बनाती हैं। जो कंपनियां जेनेरिक बनाती हैं लेकिन उसकी कीमत भी ब्रांडेड के समान ही रखती हैं। मरीजों को जेनेरिक के फायदे न तो डॉक्टर बताते हैं न ही फार्मासिस्ट।

स्टोर खोलने के फायदे

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार स्टोर मालिकों को दो लाख रुपए देगी। साथ ही कंप्यूटर जैसे हार्डवेयर लगाने के लिए 50 हजार रुपए की सहायता दे रही है’ जन औषधि स्टोर मालिकों के लिए दवाए एमआरपी से 16 फीसद से कम में दी जाएगी। इससे स्टोर संचालक सीधे कमाई कर सकते हैं

इस बारे में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता सुनील कुमार का कहना है कि जन औषधि केंद्र खुलने से मरीजों को 65 से 70 फीसद तक बाजार कीमत से सस्ती दवाएं मिल रही हैं। बड़ी कंपनियों की जेनेरिक दवाएं शामिल होने से मरीजों को फायदा मिलेगा। अभी सिर्फ सरकारी व केंद्र सरकार द्वारा तय कंपनियों की दवाएं ही केंद्र से बेची जा सकती थी।

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