जनरल शंकर चौधरी ने कहा – सेना की छवि की जा रही बर्बाद

नई दिल्ली : चुनाव प्रचार में भारतीय सेना और जवानों की तस्वीर के इस्तेमाल का मामला गर्माता जा रहा हैं। जहां शुक्रवार सुबह खबर आई कि 150 से अधिक पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिख इसपर शिकायत की हैं। देखा जाये तो भवन ने इस तरह की किसी भी चिट्ठी मिलने से इनकार किया हैं।

 

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इसके अलावा इस चिट्ठी में जिन पूर्व सैनिकों का नाम शामिल है, उन्हीं में से एक रिटायर्ड एयर मार्शल एनसी सूरी ने भी कहा है कि उन्होंने इस प्रकार की किसी चिट्ठी पर हस्ताक्षर नहीं किया हैं।

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बतादें की उनके अलावा जनरल एस.एफ. रोड्रिग्स ने भी इस प्रकार की चिट्ठी में अपना नाम होने से इनकार किया है। जहां उन्होंने कहा कि पता नहीं ये कहां से आया है, मैं अपनी पूरी ज़िंदगी राजनीति से दूर रहा हूं। वहीं 42 साल के करियर में मैंने राजनीति की बात नहीं की है। मैं नहीं जानता कि किन लोगों ने इस प्रकार की गलत खबर फैलाई है।

जहां मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ का कहना है कि उन्होंने इस चिट्ठी के लिए सहमति दी थी उनसे पूछने के बाद ही उनका नाम जोड़ा गया है. मेजर कक्कड़ का नाम इस लिस्ट में 31वें नंबर पर हैं।

दरअसल जनरल शंकर रॉय चौधरी ने कहा कि हमने देश के माहौल के बारे में राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है,  देश में संस्थाओं को नज़रअंदाज किया जा रहा है, इसमें राष्ट्रपति को ध्यान देना चाहिए. देश में राजनीतिक दल सेना का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे हैं, जिससे जवानों की छवि को नुकसान पहुंच रहा हैं।

वहीं चुनाव में सेना और वर्दी का इस्तेमाल होने पर इन सैन्य अधिकारियों ने आपत्ति जताई थी। जहां 156 पूर्व सैनिकों के हस्ताक्षर होने का दावा है, जिसमें पूर्व जनरल एसएफ रोड्रिग्स, पूर्व जनरल शंकर राय चौधरी, पूर्व जनरल दीपक कपूर जैसे बड़े सैनिकों का नाम शामिल हैं।

जहां इसके सामने आने के बाद कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा था। वहीं कांग्रेस ने ट्वीट किया था कि भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेना के नाम पर वोट मांग लें, लेकिन सेना सिर्फ देश की है बीजेपी की नहीं हैं।

दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में भारतीय सेना को ‘मोदी जी की सेना’ कहकर संबोधित किया था। लेकिन  बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी भी एक रैली में सेना की वर्दी में नजर आए थे इस पर विपक्षी पार्टियों ने आपत्ति जताई थी और चुनाव आयोग से शिकायत की थी।

लेकिन चुनाव आयोग ने भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और आगे इस प्रकार का बयान ना देने की हिदायत भी थी। चुनाव आयोग ने भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था , और आगे इस प्रकार का बयान ना देने की हिदायत भी थी।

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