छात्रों के आगें झुका जेएनयू प्रशासन, समस्यायों के जल्द समाधान का दिया आश्वासन

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने सोमवार को एम.फिल और पीएचडी के लिए नामांकन प्रक्रिया में बदलाव के विरोध में भूख हड़ताल कर रहे छात्रों से अपना अनशन खत्म करने का अनुरोध किया

विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से कहा कि वह लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के अंकों, डेपरिवेशन प्वाइंट और गत साल मई के यूजीसी के दिशा निर्देशों के तहत छात्रों की संख्या समेत उनकी सभी चिंताओं पर चर्चा करेगा।
प्रशासन ने कहा कि वह ‘सभी पक्षों से लगातार बातचीत कर रहा है और किसी भी लंबित मुद्दे के सौहार्दपूर्ण ढंग से हल के लिए हमेशा चर्चा के लिए तैयार है।’

छात्रों की चिंताओं पर चर्चा के लिए दाखिले पर एक स्थाई समिति की बैठक मंगलवार को होगी।

जेएनयू छात्र संघ के पूर्व संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा ने कहा, “हमने आज कुलपति से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि हमारी सभी चिंताओं पर विचार होगा।”

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य सौरभ शर्मा भी गत 24 जनवरी से भूख हड़ताल पर हैं।

छात्रों का कहना है कि नई प्रणाली के तहत प्रवेश परीक्षा एक अर्हता परीक्षा के रूप में सीमित कर दी जाएगी और चयनित छात्रों का नामांकन केवल साक्षत्कार के आधार पर होगा।

तीन दिनों के अनशन के बाद हालत बिगड़ने पर एक छात्र दिलीप यादव को 23 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसने अनशन के दौरान पानी तक नहीं पीया था।

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