छत्तीसगढ़ : सीआरपीएफ के 23 जवान दूषित पानी पीकर बीमार

छत्तीसगढ़रायपुर। छतीसगढ़ के जंगलों में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) के 212 बटालियन के करीब 23 जवानों को मलेरिया और टायफाइड जैसी बीमारी के चपेट में आने की आशंका के बीच उन्हें महारानी अस्पताल के विशेष वार्ड में भर्ती कराया गया है। मेकॉज में भर्ती दो जवानों में मलेरिया पॉजीटिव पाया गया है, बाकी की रिपोर्ट अभी आनी है।

यहां भर्ती सभी जवानों ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि जंगलों में नक्सलियों से मुकाबले के बाद जब वे अपने बेस कैंप पहुंचते हैं तो उन्हें पीने का साफ पानी भी नसीब नहीं हो पाता। जवानों ने बताया कि पेंटा बेस कैंप सहित हजारों जवान दूषित जल पीने को मजबूर हैं।

इस कैंप में पहले से ही 150वीं बटालियन के जवान डेरा जमाए हुए हैं। ऐसे में एक कैंप में दो बटालियन के जवानों को एडजस्ट करवाया गया है। जंगलों में सर्चिग के बाद जब वे कैंप लौटते हैं तो यहां पूरा आराम भी नहीं मिल पाता है। इसके अलावा कैंप में पीने के पानी के लिए हैंडपंप और बोर है। लेकिन दोनों से ही मटमैला पानी निकलता है। जवानों का कहना था कि जंगलों में तो वे जी-जान लगाकर अपना काम करते हैं, लेकिन कैंप में भी आराम नहीं मिल पा रहा है।

जवानों की मानें तो करीब सौ से अधिक लोगों की क्षमता वाले इस कैंप में 6 गुना ज्यादा जवानों को रखा गया है। जवानों ने आशंका जताई है कि यहां आ रहे मटमैले पानी के चलते और जंगलों में सर्चिग के दौरान मच्छरों की चपेट में आने से वे बीमार हो रहे हैं। इसके अलावा बीमार होने पर उन्हें दवा भी अपनी जेब से खरीदनी पड़ती है। कैंप या उसके आसपास के क्षेत्र में इलाज की भी कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है।

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