चेन्नई: छात्रों के प्रश्न पत्र में आंदोलनरत किसानों को बताया गया ‘हिंसक उन्मादी’, मचा बवाल
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के स्कूल द्वारा जारी एक प्रश्न पत्र को लेकर लोग बवाल मचा रहे हैं। दरअसल, कक्षा 10वीं के छात्रों की परीक्षा के दौरान मिले प्रश्न पत्र में गणतंत्र दिवस पर हुई घटना का जिक्र किया गया। विवाद यह नहीं है लेकिन जब प्रश्न पत्र में आंदोलरत किसानों को हिंसक उन्मादी बताया गया तब लोगों ने इसका विवाद किया। यह मामला चेन्नई के एक प्रतिष्ठित स्कूल का है जिसने अपने कक्षा 10वीं के छात्रों के प्रश्न पत्र में कुछ इस तरह की हरकत की है।
स्कूल द्वारा जारी प्रश्न पत्र में छात्रों से एक दैनिक अखबार के संपादक को पत्र लिखने के लिए कहा गया था। पत्र में छात्रों से इस तरह के भयानक, हिंसक कृत्यों की निंदा करते हुए बाहरी प्रवृत्ति के तहत कार्य करने वाले ऐसे हिंसक उन्माद को विफल करने के लिए उपाय सुझाने को कहा गया था। छात्रों की दूसरी पुनरीक्षण परीक्षा में अंग्रेजी भाषा और साहित्य के पेपर में इस तरह का सवाल पूछा गया था। यह परीक्षा बीते 11 फरवरी को विद्यालय द्वारा आयोजित की गई थी। वहीं इसमें पूछे गए प्रश्न को लेकर लोग उलता सवाल खड़े करने लग गए। इस प्रश्न की तस्वीर एक यूजर ने सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया है जिस पर लोग अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
पूरा प्रश्न कुछ इस प्रकार है-
“गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा ने नागरिकों के दिलों को निंदा और घृणा से भर दिया है। कृषि कानूनों का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट किया और दिन के उजाले में पुलिसकर्मियों पर हमला किया। ऐसे में अपने शहर के एक दैनिक समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखें, जिसमें उपद्रवियों के ऐसे भयानक, हिंसक कृत्यों की निंदा करें जो यह महसूस करने में विफल रहे कि देश व्यक्तिगत जरूरतों और लाभ से पहले आता है। सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करना, राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना और पुलिस कर्मियों पर हमला करना उन विभिन्न अवैध अपराधों में से कुछ हैं, जिन्हें किसी भी कारण से कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है।”