चेतक कंपनी द्वारा 70% कार्य पर ही टोल अवैध वसूला जा रहा है

सोनभद्र : बनारस से शक्तिनगर मार्ग के निर्माण कार्य जिस जोशो खरोश से शुरू हुआ था| वह जोशो खरोश गायब हो गया आए दिन बड़े बड़े हादसे इस मार्ग पर हो रहे हैं| अब तक गिने चुने लोगों को ही हादसों का मुआवजा मिल पाया है |जब-जब इस बाबत जिलाधिकारी महोदय से मैंने सवाल करना चाहा तो इस पर कुछ भी बोलने से इंकार कर गए आखिर इन मृतकों का मुआवजा कहां जा रहा है| अब तक कितने मृतकों को मुआवजा मिल पाया प्रशासनिक अधिकारी खामोश क्यों हैं? उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा बनारस से शक्तिनगर मार्ग के चौड़ीकरण का निर्माण कार्य विगत 3 वर्षों से चला आ रहा है| 2015 में ही इस कार्य को पूरा कर जनता को सौगात देनी थी वर्ष 2016 के मध्य में भी अभी भी यह कार्य पूरा नहीं हुआ बनारस से शक्तिनगर पर अभी 75 प्रतिशत ही कार्य पूरा हुआ है, पर सोनभद्र में 50% कार्य पूरा होने पर भी टोल वसूला जा रहा है| जहां सोनभद्र में चुर्क मोड़ पर स्थित टोल प्लाजा पर एक साइड से सौ रुपया और दोनों साइड का  125 वही रेनुकूट आने-जाने का 30 वसूला जाता है किसी कंपनी के द्वारा अहरौरा में पहरा बलपर आने जाने का 140 जाता है| यह समझ नहीं आता कि 50% कार्य होने पर भी विगत 5 महीनों से टोल जनता से क्यों वसूला जा रहा है| यह हाल तो छोटी गाड़ियों का है जबकि सोनभद्र में मोरंग और गिट्टी का कार्य और कोयले का कार्य होता है बड़ी मात्रा में ट्रकों का भी आवागमन होता है| इनके $1 की कीमत लगभग 500 कमोवेश यही हाल हर बड़ी गाड़ियों का है जबकि निर्माण कंपनी के द्वारा जब तक कार्य पूर्ण ना हो आम जनता से इसकी वसूली नहीं की जा सकती जो पूर्णतया अवैध है| अभी भी 70% कार्य होने पर भी निर्माण कंपनी chetak द्वारा दोनों टोल पर 5 महीने के अंदर ही टोल का रेट बढ़ा दिया गया| इस मोटी रकम का पैसा कहां जा रहा है सोनभद्र से गिट्टी बालू ट्रकों का आवागमन अत्यधिक है जो की ओवरलोड हो कर सड़कों पर दौड़ते हैं| जब सड़क कंपनी सड़क बना रही थी तो यह बातें सामने आई थी कि कांटा लगा के ट्रकों का भजन और उसके उसके हिसाब से पैसा लिया जाएगा पर ऐसा हुआ कुछ नहीं वही इस ओवरलोडिंग के करण भी एक तरफ से सड़क बन रही है और दूसरी तरफ से सड़क धास रही है बालू की साइडों से नदी में से बालू उठाने के कारण सड़कों पर पानी गिरता हुआ जाता है जिसकी वजह से सड़क उखड़ रही है जिसकी वजह से सड़कों पर रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं पर सरकार के नुमाइंदे और प्रशासनिक अधिकारी खामोश हैं इस सड़क 5 महीने में ही उखड़ना शुरु हो गई और जनता उसी टूटी फूटी सड़क का 400 देकर अप-डाउन कर रही है क्या यही सरकार की खामोशी को क्या समझा जाए|

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