चेक गणराज्य ओलम्पिक समिति रूस पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ

चेक गणराज्य ओलम्पिक समितिप्राग: चेक गणराज्य ओलम्पिक समिति ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में होने वाले ओलम्पिक खेलों में रूस के एथलीटों पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ विरोध जताते हुए इसे पूरी तरह अस्वीकार्य है और अन्यायपूर्ण करार दिया।

चेक गणराज्य ओलम्पिक समिति के अध्यक्ष जिरी केजवाल ने समाचार पत्र ‘लिदोवे नोविने’ में प्रकाशित साक्षात्कार में यह बात कही।  जिरी ने कहा, “सभी एथलीटों पर लगा प्रतिबंध पूरी तरह अस्वीकार्य है और अन्यायपूर्ण है।”उन्होंने कहा कि उनके विचार में रूस के एथलीट एक घोटाले के शिकार बने हैं, जिसकी जिम्मेदारी विश्व डोपिंगी रोधी एजेंसी (वाडा) पर है।

जिरी ने कहा कि इस घोटाले में शुरू से लेकर अंत तक प्रणाली की कमी जिम्मेदार है। इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि सोची में लिए गए रूसी एथलीटों के नमूने स्वयं एथलीटों के द्वारा नहीं लिए गए थे, बल्कि वाडा प्रशासन के प्रतिनिधियों ने इन्हें लिया था। उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में इनकी जांच की और अगर अब किसी ने कहा है कि इन नमूनों के साथ छेड़छाड़ की गई है, तो फिर इन्हें किसी दूसरी प्रयोगशाला में क्यों नहीं भेजा गया?

चेक गणराज्य ओलम्पिक समिति अध्यक्ष ने कहा कि वाडा के कार्य ने विशेषज्ञों के बीच कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं। अब प्रश्न यह है कि उन नमूनों की जांच किस प्रकार की गई और डोपिंग रोधी एजेंसी किस प्रकार कार्य करती है?

रूस की ओलम्पिक समिति ने बुधवार को ब्राजील में अगले माह होने वाले ओलम्पिक खेलों में प्रवेश के लिए 387 एथलीटों को स्वीकृति दी थी। इस सूची में वे 68 एथलीट भी शामिल हैं, जिन्हें आईएएएफ द्वारा प्रतिबंधित एथलीटों की सूची में रखा गया है।

खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ने गुरुवार को रूस ओलम्पिक समिति की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने ट्रैक एंड फील्ड के एथलीटों पर से अगले महीने रियो में होने वाले ओलम्पिक खेलों से प्रतिबंध हटाने की मांग की थी।

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