विधानसभा चुनाव : इस बार नहीं चलेगा कोई भी झांसा, एक क्लिक से खुलेगी नेताओं की असलियत    

चुनाव आयोग की हाईटेकलखनऊ। विधानसभा चुनाव की बढ़ती नजदीकियां जहां दावेदारों के दिल की धड़कने बढ़ा रही हैं, वहीं दूसरी ओर जनता भी अपने-अपने पसंदीदा दावेदारों को सीएम की कुर्सी पर बैठाने के लिए लालायित हैं। लेकिन ध्यान रहे कि शासन के लिए इंसान को चुनाव काफी सोच विचार कर करना होता है। एक भी गलत वोट जनता पर ही भारी पड़ता है। इसलिए एक जागरुक नागरिक का धर्म है कि उसे वोट सुनिश्चित करने के लिए पता होना चाहिए कि उसका पसंदीदा उम्मीदवार वाकई में वैसा ही भविष्य निर्धारित करेगा जैसा उससे आस लगाई जा रही है। इसके लिए इस बार चुनाव आयोग की हाईटेक तकनीक इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तहत एक ऐप के जरिए जनता अपने क्षेत्र के उम्मीदवार के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं।

चुनाव आयोग की हाईटेक तकनीक

इस बार विधानसभा चुनाव में हाईटेक तरीके अपनाए जा रहे हैं। एक ओर जहां वोटर को एमवोटर एप से वोटिंग से संबंधित सारी जानकारी मुहैया कराई जा रही है, वहीं दूसरी ओर पीडीएमएस सॉफ्टवेयर से हर पोलिंग स्टेशन सीधे मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से जुड़ा रहेगा।

आम जनता के लिए आयोग एक एप जारी करने जा रहा है। इस एप पर रजिस्टर होने के बाद आयोग मतदाता को मतदान के दिन से पहले एसएमएस करके जानकारी देगा। इस एप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर वोटर सर्च, अपने प्रत्याशी के बारे में जानकारी, बूथ के बारे में जानकारी और मैप के साथ नोटिफिकेशन रजिस्टर किया जा सकता है।

एप को डाउनलोड करने के बाद वोटर आईडी नंबर और मोबाइल नंबर से एप पर रजिस्ट्रेशन होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद मतदाता किसी भी वोटर के बारे में जानकारी ले सकते हैं। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनिल गर्ग ने बताया कि इस एप पर उन सभी प्रत्याशियों की जानकारी उपलब्ध होगी जिनकी नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी होगी।

प्रत्याशी द्वारा शपथ पत्र में दी गयी जानकारी सबके सामने होगी। मतदाता इसी एप पर मैप के जरिए अपना बूथ भी ढूंढ सकता है। साथ ही वोटर पर्ची भी यहां से डाउनलोड कर सकता है। यही नहीं अपने बूथ की मतदाता सूची भी इसी एप के माध्यम से देखी जा सकती है।

इस बार निर्वाचन आयोग एक और प्रयोग करने जा रहा है। हर बूथ को सीधे मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय से जोड़ने के लिए एनआईसी ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इस सॉफ्टवेयर पर मतदान से एक दिन पहले पोलिंग पार्टी रवाना होने से लेकर मतदान के बाद ईवीएम के स्ट्रांग रूम पहुंचने तक का अपडेट एसएमएस के माध्यम से सॉफ्टवेयर पर पहुंचेगा।

एनआईसी में साफ्टवेयर तैयार करने वाले शैलेश श्रीवास्तव ने बताया कि सभी पोलिंग स्टेशन पर पीठासीन अधिकारी और पोलिंग आफिसर प्रथम कामोबाइल नंबर सॉफ्टवेयर से लिंक किया जाएगा। पोलिंग पार्टियों को एक विशेष नंबर दिया जाएगा जिस पर उन्हें मैसेज करना होगा।

कानून-व्यवस्था की समस्या हो या ईवीएम में खराबी, पीठासीन अधिकारी द्वारा मैसेज करते ही डीएम ऑफिस से लेकर सीईओ ऑफिस तक अलर्ट आ जाएगा। इन दोनों ही स्थानों पर मानिटरिंग कर रहे अधिकारियों के डैशबोर्ड पर संबंधित तहसील या जिला लाल रंग में ब्लिंक करने लगेगा।

डैश बोर्ड पर लाल लाइट तब तक जलती रहेगी जब तक समस्या के समाधान का एसएमएस संबंधित पीठासीन अधिकारी नहीं भेजता। पीठासीन अधिकारी को कम से कम 16 मैसेज अपडेट के भेजने होंगे।

पोलिंग स्टेशन पर सुरक्षित पहुंचने पर, मतदान वाले दिन सुबह सात बजे मॉकपोल के बाद, पोल शुरू होते ही, नौ बजे, 11 बजे, दिन में एक बजे, तीन बजे और पांच बजे वोटिंग का प्रतिशत, पांच बजे लाइन में लगे वोटरों की संख्या, इवीएम में खराबी आने पर, कानून व्यवस्था की समस्या आने पर, समस्या के समाधान होने पर, अंतिम वोट पड़ने के बाद बूथ का कुल मतदान प्रतिशत और पोलिंग पार्टी के स्ट्रांग रूम तक सुरक्षित पहुंचने पर मैसेज करना होगा।

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