राम की नहीं हो पाई बीजेपी तो आम की कब होगी

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में चुनावी शंखनाद हो चुका है, इसके साथ ही तमाम रा‍जनितिक दल कमर कसकर चुनावी अखाड़े में उतर गये हैं। शब्‍दों के बाणों का आलम ये है कि हर कोई अपने आपको दूसरे से ऊपर दिखाने के प्रयास में हैं। इस प्रयास में मर्यादाओं को भी दरकिनार करते हुए बयानवीर बयानबाजी में लग गये हैं।

चुनावी अखाड़े

चुनावी तैयारी के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी के नेता व महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने आज सुल्तानपुर में बसपा भाईचारा सम्मेलन में शिरकत की। भाईचारा रैली को संबोधित करते हुए सतीश मिश्रा ने ब्राह्मण वोटरों को साधने की कोशिश की। अपने संबोधन में बीएसपी महासचिव ने भाजपा पर जमकर शब्‍दभेदी बाण चलाये।

मिश्रा ने कहा कि भाजपा ने मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेता को मार्गदर्शक बनाकर मूकदर्शक बना दिया। गुजरात में ब्राहम्णों को बुरा हाल है। इस दौरान सतीश चन्द्र मिश्रा ने ब्राह्मणों और दलितों से एकजुट होने की अपील भी की।

भाजपा पर झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए बसपा महासचिव ने कहा कि वे लोग सिर्फ झूठे वादे करते हैं। भाजपा के लोग वोट लेने के बाद जनता को भूल जाते हैं, जो पार्टी भगवान श्रीराम को धोखा दे सकती, वो जनता की नहीं हो सकती।

बीजेपी और आरएसएस मंदिर बनाने के लिए लोगों से चंदा ले रही है। जबकि केन्द्र में सरकार बनने के बाद भाजपा ने राम मंदिर नहीं बनाया है। सालों तक यूपी की सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा ने राम मंदिर नहीं बनवाया।

बसपा महासचिव ने कहा कि ब्राह्मण समाज आज के समय में आपस में बंट रहा है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण और दलित एक साथ हो जाएं तो बड़ी ताकत बनेगे। भाजपा पर उन्होंने ब्राह्मणों से गलत व्यवहार का आरोप लगाया। लक्ष्मीकांत वाजपेई जिनके नेतृत्व में 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी, उन्हें किनारे कर दिया गया।

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