देश को 70 हजार से ज्यादा न्यायाधीशों की जरूरत: CJI

कटक। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने एक बार फिर लंबित मामलों की भारी संख्या के निपटारे के लिए न्यायालयों में जल्द से जल्द न्यायाधीश नियुक्त करने की अपील की है।

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर

चीफ जस्टिस बोले सरकार भी नहीं छीन सकती मौलिक अधिकार

प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने न्यायपालिका में त्वरित नियुक्ति की अपील करने के साथ ही कहा कि भारी संख्या में लंबित मामलों के निपटारे के लिए देश को 70 हजार से ज्यादा न्यायाधीशों की जरूरत है।

आबादी के लिहाज से देश में न्यायाधीशों की कम संख्या पर चिंता जताते हुए प्रधान न्यायाधीश ठाकुर ने कहा कि न्याय तक पहुंच एक मौलिक अधिकार है और सरकारें लोगों को इससे वंचित नहीं कर सकतीं।

प्रधान न्यायाधीश ने यहां हाई कोर्ट की सर्किट पीठ के शताब्दी समारोहों के मौके पर खाली पदों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अगर बढती आबादी पर नजर डालें तो हमें लंबित मामलों के निपटारे के लिए 70 हजार से ज्यादा न्यायाधीशों की जरूरत हो सकती है।

न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया से जुड़ी मशीनरी काफी धीमी गति से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालयों में नियुक्ति के लिए करीब 170 प्रस्ताव अभी सरकार के पास लंबित हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला प्रधानमंत्री के संज्ञान में लाया गया और यह अनुरोध किया गया कि नियुक्तियां जल्दी हों।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि देश के उच्च न्यायालयों में करीब 900 स्वीकत पदों में से 450 से ज्यादा रिक्तियों को तत्काल भरे जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि न्याय तक पहुंच एक मौलिक अधिकार है और सरकार लोगों को उनके मौलिक अधिकार से वंचित नहीं रख सकती। उन्होंने कहा कि लोगों को न्याय से वंचित नहीं रखा जा सकता।

हाल ही में नयी दिल्ली में एक सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में प्रधान न्यायाधीश लंबित मामलों की संख्या के मुद्दे को लेकर भावुक हो गए थे। अदालतों में लंबित मामलों की संख्या बढ़कर 3.14 करोड़ तक पहुंच गयी है।

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