चीन के डॉक्टर ने कोरोना वायरस को लेकर किया बड़ा खुलासा… बताई ये बड़ी बात

चीन में कोरोना वायरस के मामलों का शुरू में ही पता लगाने वाले एक चीनी डॉक्टर ने स्थानीय प्रशासन पर इस मामले में लीपापोती का आरोप लगाया है। डॉक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस के केंद्र वुहान में इस महामारी को लेकर प्रारंभिक स्तर पर लीपापोती की गई और जब वह जांच के लिए गए उससे पहले ही सबूत नष्ट कर दिए गए थे।

हांगकांग के सूक्ष्मजीव विज्ञान एवं चिकित्सा के प्रोफेसर क्वोक-यंग युएन ने यह आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हुनान के वन्यजीव बाजार में सबूत नष्ट कर दिए गए थे और चिकित्सकीय निष्कर्ष के प्रति जवाबी कार्रवाई बहुत धीमी थी। बता दें कि युएन ने चीनी शहर वुहान में कोविड-19 महामारी के फैलने की जांच में मदद की थी।
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि जब हम हुनान के सुपर मार्केट में गए तब वाकई वहां देखने के लिए कुछ था ही नहीं, क्योंकि बाजार की पहले ही सफाई कर दी गई थी। हम ऐसा कुछ नहीं पहचान पाए जो इंसानों में इस वायरस को पहुंचा रहा हो।
उन्होंने कहा कि मुझे संदेह है वुहान में स्थानीय स्तर पर कुछ लीपापोती की गई है। जिन स्थानीय अधिकारियों को तत्काल सूचना आगे भेजनी थी, उन्होंने उसे उतनी तत्परता से नहीं भेजा।

बता दें कि कोरोना वायरस बीते साल दिसंबर में वुहान के हुनान वन्यजीव बाजार से फैला था और अब यह दुनियाभर में 1.6 करोड़ लोगों को संक्रमित कर चुका है। इस संक्रमण के चलते दुनिया में 648,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और वैश्विक अर्थव्यवस्था का पहिया थम गया है।

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, चीन में कोविड-19 के 86,570 मामले सामने आए और 4,652 मौतें हुई हैं। अमेरिका समेत कई देशों ने इस बीमारी की गंभीरता के बारे में दुनिया को नहीं बताने को लेकर चीन की आलोचना की है। हालांकि चीन ने सूचना को रोके जाने के आरोप से इनकार किया है।

चीन पर डॉ. ली वेनलियांग और अन्य ऐसे लोगों को सताने का भी आरोप है, जिन्होंने इस जानलेवा वायरस के बारे में चिकित्सा कर्मियों को चेतावनी देन का प्रयास किया। ली पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने इस वायरस के बारे में रिपोर्ट की थी। वह खुद भी संक्रमित हो गए थे और बीते फरवरी माह में उनकी मौत हो गई थी।

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