चीन को ताकतवर बनाने के पीछे भारत का हाथ

चीन की परमाणु शक्तिवाशिंगटन| अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा है कि चीन के परमाणु आधुनिकीकरण के पीछे भारत की परमाणु शक्ति एक अतिरिक्त प्रेरक है। पेंटागन ने अमेरिकी संसद में शुक्रवार को चीन की परमाणु शक्ति का विस्तृत ब्योरा पेश किया।

इसमें कहा गया है कि चीन ने क्षेत्र में अपनी विविध इकाइयों के बेहतर नियंत्रण के लिए अपने परमाणु बल को नई कमान, नियंत्रण और संचार क्षमताएं मुहैया कराई हैं।

चीन की परमाणु शक्ति की वजह भारत

पेंटागन ने रिपोर्ट में कहा, “इसी तरह भारत की परमाणु ताकत चीन की परमाणु ताकत के आधुनिकीकरण के पीछे एक अतिरिक्त प्रेरक है।”

इसमें कहा गया है, “चीन की परमाणु हथियार नीति की प्राथमिकताएं एक ऐसी परमाणु ताकत को बनाए रखने की हैं, जो हमले में बचा रहे और काफी ताकत के साथ दुश्मन पर जवाबी हमला कर बहुत अधिक क्षति पहुंचा सके”।

पेंटागन का कहना है, “चीन के परमाणु हथियारों में बहुत सारे ठिकानों को स्वतंत्र रूप से निशाना बनाने वाले री एंट्री व्हिकल (एमआईआरवी) हैं और निशाने को भेदने वाले परमाणु हथियार हैं। अमेरिका और रूस की रणनीतिक प्रगति, सटीक मारक क्षमता और मिसाइल रक्षा क्षमताओं को देखते हुए चीन की यह रणनीति व्यावहारिक एवं डराकर रोकने की क्षमता सुनिश्चित करने के लिए है”।

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, “चीन परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल नहीं करने की नीति पर कायम है और उसने कहा कि उसकी परमाणु ताकत केवल देश पर आक्रमण के जवाब के लिए है”।

पेंटागन ने कहा है कि चीन सीमित लेकिन बचे रहने लायक परमाणु ताकत बनाए रखने के लिए पर्याप्त संसाधन का इसमें निवेश जारी रखेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि चीन की सेना परमाणु हमले का जवाब बर्बाद करने वाले परमाणु हमले से दे सकती है।

LIVE TV